Haryana Assembly Election 2024 : सरसा में शीशपाल कंबोज, हिसार में अशोक सैनी, कुरुक्षेत्र में सुशील राणा को बनाया जिलाध्यक्ष
सरसा (सच कहूँ/सुनील वर्मा)। हरियाणा विधानसभा चुनाव के मंच सजने लगे हैं और चुनाव से ठीक पहले बीजेपी के नवनियुक्त प्रदेशाध्यक्ष एवं राई के विधायक मोहन लाल बड़ौली ने प्रदेश में अपनी फील्डिंग सजानी शुरू कर दी है। शुक्रवार देर शाम भारतीय जनता पार्टी की ओर से प्रदेश में छह जिलों के जिलाध्यक्ष बदल दिए गए है। इसके अलावा चार जिलों के प्रभारी भी बदले गए है। Haryana News
वहीं जिन जिलों में अध्यक्ष को बदला गया है, उन्हें प्रदेश कार्यकारिणी में शामिल किया गया है, ताकि कोई जिलाध्यक्ष बदलने से नाराज ना हो। भाजपा की ओर से महेंद्रगढ़ में शंकर धूपड़, जींद में प्रो. मदन गोयल, भिवानी में राज्यसभा सांसद रामचंद्र जांगड़ा व कैथल में अमरपाल राणा को प्रभारी बनाया गया है। वहीं हिसार में अशोक सैनी, जींद में तेजेंद्र ढुल, सरसा में शीशपाल कंबोज, रेवाड़ी में वंदना पोपली, कुरुक्षेत्र में सुशील राणा व कैथल में मुनीष कठवाड़ को जिलाध्यक्ष की जिम्मेवारी सौंपी गई है। Haryana Assembly Election
कंबोज वोटर्स को साधने की कोशिश | Haryana News
लोकसभा चुनाव के संपन्न होने के बाद से ही सरसा में भारतीय जनता पार्टी की ओर से जिलाध्यक्ष को बदलने की चर्चाएं चल रही थी। शुक्रवार को भाजपा की ओर से जारी पदाधिकारियों की सूची में आखिरकार इन चर्चाओं पर मुहर लग गई। सरसा में बीजेपी ने ओबीसी कार्ड खेलते हुए मार्केट कमेटी रानियां के पूर्व चेयरमैन शीशपाल कंबोज को सरसा का नया जिलाध्यक्ष नियुक्त किया है। शीशपाल कंबोज की नियुक्ति से भाजपा की ओर से ओबीसी के साथ-साथ कंबोज बिरादरी के वोटर्स को साधने की कोशिश की गई है। ताकि विधानसभा चुनाव में इसका फायदा लिया जा सकें। उधर शीशपाल कंबोज ने शनिवार को अपना कार्यभार संभाल लिया। दिनभर पार्टी के पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं ने भाजपा कार्यालय पहुंचकर उन्हें बधाई दी। Sirsa News
लोस हार से मायूस कार्यकर्ताओं में जान फूंकना बड़ी चुनौती
भाजपा द्वारा शीशपाल कंबोज को नया जिलाध्यक्ष बनाना भाजपा जिला इकाई के लिए नई और अच्छी शुरुआत कहा जा सकता है, लेकिन शीशपाल कंबोज के सामने कई तरह: की चुनौतियां मुंह बाए खड़ी हैं। सबसे बड़ी चुनौती जिले में संगठन को मजबूत कर आगामी विधानसभा चुनाव में सरसा जिले की पांचों विधानसभा सीटों पर कमल खिलाना है। इनसे पहले निताशा सिहाग और आदित्य देवीलाल भी भाजपा जिलाध्यक्ष बने थे, लेकिन उनके कार्यकाल में भाजपा को प्रत्येक चुनाव में पराजय ही मिली। अब देखना यह होगा कि नए जिलाध्यक्ष शीशपाल कंबोज के नेतृत्व में कितने कमल के फूल खिलते है। इसके अलावा लोकसभा चुनाव में हार के बाद मायूस बैठे कार्यकर्ताओं में जान फूंकना और जिले में अलग-अलग धड़ों में बंटी भाजपा को संगठित करना भी शीशपाल कंबोज के लिए किसी चुनौती से कम नहीं होगा। Haryana News
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