Haryana Punjab Flood: इस भू-लोक पर हर जीव-जगत, प्राणी-संसार के लिए जल ही जीवन है, ‘बिन पानी सब सून है’ लेकिन यही जल अगर रौद्र रूप धारण कर ले यानि जलजला बनकर आ जाए तो धरती पर तबाही ही तबाही मचा देता है। जल रूपी जलजला जब आता है तो अपने रास्ते में आने वाली हर चीज को बहा कर ले जाता है। कहीं ये जल जोश में आकर होश खो बैठता है तो कहीं लोगों को अपने लिए बहुत तड़पाता है। कहां तो झुलसाती गर्मी में मानसून का बड़ी बेसब्री से इंतजार होता है और जब यह आ जाता है तो अपने साथ तबाही बरपाता हुआ आता है। Punjab Flood News
इस पानी की वर्षों से यही कहानी चली आ रही है। जल के इस जल प्रलय से क्या केंद्र सरकार और क्या राज्य सरकारें, सब भलीभांति परिचित होते हैं और हर बार बाढ़ से बचाव के बड़े-बड़े दावे जनता-जनार्दन को किए जाते हैं लेकिन जब यही दावे जमीनी स्तर पर देखे जाते हैं तो सब खोखले नजर आते हैं। सरकारों की नदियों को जोड़ने वाली सभी जल परियोजनाएं धरी की धरी रह जाती हैं। मानसून के आते ही जन-जीवन अस्त व्यस्त नजर आता है। जल ‘जलजला’ बनकर लाखों-करोड़ों जिंदगियों को तबाह करके चला जाता है। Haryana Punjab Flood
हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी उत्तर भारत मानसून में आसमानी आफत से बहता नजर आया, जल से जीवन जलमग्न होता नजर आया। कारें खिलौनों की तरह, मकान कागजी किस्ती की तरह बही। इतना ही नहीं कस्बे और शहर के शहर इस मानसूनी आफत से तबाहो-बर्बाद हो गए। इस मानसून में जल के ‘जलजले’ से तबाही की बात करें तो उत्तराखंड, हिमाचल पहाड़ दरकने यानि लैंडस्लाइड और बाढ़ की तबाही से मजबूर नजर आए। दिल्ली, मुंबई की सड़कें जल से लबालब भरी हुई देखी गर्इं। हरियाणा पंजाब के घरों की छतों तक जल का स्तर पहुंचे हुए देखा गया। असम में लाखों लोग बाढ़ के पानी से चारों तरफ से घिरे नजर आए। उनके मकान-दुकान क्या सब कुछ पानी के अंदर समा गया। Haryana Punjab Flood
बात अगर आगे की जाए तो राजस्थान, गुजरात, महाराष्टÑ और एमपी में भी कस्बे, शहर पानी-पानी हो गए। अभी फिलहाल यूपी-बिहार ही बचें हैं जो इस तबाही का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं लेकिन वर्षों की तरह यहां भी तबाही का यही मंजर नजर आने वाला है। अबकी बार देखना होगा कि यहां के हालात क्या होंगे?
मानसून के सीजन में हर बार देश की नदियाँ बाढ़ लाती हैं और तबाही मचाकर शांंत हो जाती हैं। तबाही मचाने वाली प्रमुख नदियों में ब्रह्मपुत्र की बर्बरता, कोसी का कहर, गोमती का गुस्सा, नर्मदा की नाराजगी, गोदावरी का गदर, दामोदर देती दर्द, गंगा की गहराई आदि शामिल हैं। Haryana Punjab Flood
यह नहीं है कि तमाम सरकारों को इस तबाही की भनक नहीं होती। केंद्र सरकार और राज्य सरकारों सभी को इसका पता है लेकिन सब अनभिज्ञ बने रहते हैं। जब तबाही हो जाती है तब सभी सरकारें अपने-अपने बिलों से बाहर निकलकर आती है और नुकसान की भरपाई या मुआवजे की घोषणा करके शांत हो जाती है लेकिन इस तबाही को कंट्रोल करने की कोई प्लानिंग नहीं होती। अगर होती है भी है तो वो सिर्फ कागजों तक ही सीमित होकर रह जाती है।