कृषि बिल विरोध में विपक्ष का संसद परिसर में मार्च
(Agricultural Bill Protest)
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वित्तीय स्थिरता के लिए महत्वपूर्ण द्विपक्षीय नेटिंग विधेयक पर संसद की मुहर
नई दिल्ली (सच कहूँ न्यूज)। कृषि बिल का विरोध संसद से लेकर सड़क तक जारी है। प्रधानमंत्री के आश्वासन के बाद भी यह विरोध रूकने का नाम नहीं ले रहा है। विपक्ष ने सदन ने वॉकआऊट किया हुआ है। बुधवार को विपक्षी पार्टियों के सदस्यों ने किसान विरोधी तथा श्रमिक विरोधी विधेयकों के विरोध में संसद भवन परिसर में गांधी प्रतिमा से अंबेडकर प्रतिमा तक मार्च निकाला। विपक्ष आठ सदस्यों के निलंबन और कृषि सुधार विधेयकों में संशोधन की मांग को लेकर मंगलवार से ही कार्यवाही का बहिष्कार कर रहा है।
उधर केंद्र की मोदी सरकार द्वारा लाए गए तीन कृषि सुधार बिलों के खिलाफ बुधवार को दिल्ली की आजादपुर मंडी में प्रदर्शन करने जा रहे हैं भारतीय किसान यूनियन (भानु) के कार्यकर्ताओं को पुलिस ने नोएडा-दिल्ली बॉर्डर पर ही रोक दिया। हालांकि, कुछ देर रास्ते को फिर से खोल दिया गया है। वहीं हरियाणा के पानीपत में दिल्ली कूच कर रहे किसानों पर हरियाणा पुलिस ने पानी की बौछार की गई है। इसके साथ ही किसानों को हिरासत में ले लिया गया और बाद में छोड़ दिया गया।
जानें, कौन-कौन सी पार्टी विरोध कर रही है
कांग्रेस के साथ साथ तृणमूल कांग्रेस , समाजवादी पार्टी , वाम दल , द्रमुक , राजद, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी, आम आदमी पार्टी, आई यूएमएल, जनता दल एस जैसे विपक्षी दलों के सदस्य सत्र का बहिष्कार कर रहे हैं।
श्रमिक अधिकारों को सुदृढ़ करने वाले तीन विधयकों पर संसद की मुहर
विपक्षी दलों की गैर मौजूदगी में राज्यसभा ने श्रमिकों के कल्याण और उनके अधिकारों को मजबूत करने वाले सामाजिक सुरक्षा संहिता, 2020, औद्योगिक संबंध संहिता, 2020 और उपजीविकाजन्य सुरक्षा, स्वास्थ्य और कार्यदशा संहिता, विधेयक 2020 बुधवार को ध्वनिमत से पारित कर दिया। इसके साथ इन तीन विधेयकों पर संसद की मुहर लग गयी। लोकसभा इन्हें पहले ही पारित कर चुकी है।
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