एएचटीयू के एएसआई राजेश कुमार के प्रयास को सराहा
चंडीगढ़ (सच कहूँ न्यूज)। हरियाणा पुलिस ने इस साल जनवरी से नवम्बर तक 10868 लापता/गुमशुदा बच्चों और वयस्कों को ढूंढकर उनके परिवारों से मिलवाने में सफलता हासिल की है। इन गुमशुदा में 3839 लड़के और 7029 लड़कियां शामिल हैं। राज्य के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) प्रशांत कुमार अग्रवाल ने वीरवार को यह जानकारी देते हुए बताया कि इसके अलावा पुलिस ने इस दौरान 1813 बाल भिखारियों और 2021 बाल श्रमिकों का पता लगाकर उन्हें भी छुड़वाया। ये बच्चे दुकानों और अन्य स्थानों पर अपनी आजीविका के लिए छोटे-मोटे काम करते हुए पाए गए थे।
बरामद बच्चों और व्यस्कों में से 9372 को पुलिस की फील्ड इकाइयों ने तथा शेष 1496 को स्टेट क्राइम ब्रांच की विशेष मानव तस्करी रोधी इकाई (एएचटीयू) ने तलाशा। उन्होंने कहा कि पुलिस की भूमिका ऐसे नेक कार्यों में भी है ताकि बाल तस्करी पर अंकुश लगाने के साथ ऐसे बच्चों को भीख मांगने और जबरन विवाह, मजदूरी, घरेलू कामगार जैसी अन्य असामाजिक गतिविधियों में धकेलने से बचाया जा सके।
डीजीपी ने विशेष रूप से एएचटीयू के एएसआई राजेश कुमार का उल्लेख किया जो इस नेक कार्य के माध्यम से सैकड़ों परिवारों के चेहरों पर मुस्कान लाने के लिए कार्य कर रहे हैं। एक राष्ट्रीय स्तर के प्रकाशन ने हाल ही में अपनी नवीनतम पुस्तक में राजेश की बच्चों को परिजनो से मिलवाने की कहानियों को चित्रित भी किया है। उन्होंने कहा कि राजेश जैसे पुलिस कर्मियों ने अपनी ड्यूटी से आगे बढ़कर और लोगों की सेवा करके सक्रिय पुलिसिंग की मिसाल पेश की है।
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