Haryana: हरियाणा को 15 साल बाद मिली महिला स्वास्थ्य मंत्री

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Haryana: हरियाणा को 15 साल बाद मिली महिला स्वास्थ्य मंत्री

अब से पहले वर्ष 2009 में करतार देवी थीं स्वास्थ्य मंत्री | Haryana

  • -अटेली से विधायक चुनी गई आरती सिंह राव बनी हैं स्वास्थ्य मंत्री

गुरुग्राम (सच कहूँ/संजय कुमार मेहरा)। हरियाणा को 15 साल बाद आरती सिंह राव (Arti Singh Rao) के रूप में महिला स्वास्थ्य मंत्री मिली हैं। आरती सिंह राव ने इस बार अटेली विधानसभा से चुनाव लडक़र जीत हासिल की है। वे केंद्रीय मंत्री एवं गुडग़ांव से सांसद राव इंद्रजीत सिंह की बेटी हैं। हरियाणा में 15 साल पहले वर्ष 2004 से 2009 के बीच करतार देवी स्वास्थ्य मंत्री रहीं। अक्टूबर 2009 में चुनावों से ठीक पहले करतार देवी का मंत्री पद पर रहते हुए निधन हो गया था। करतार देवी के निधन के बाद 2009 से 2014 के हरियाणा सरकार के कार्यकाल में राव नरेंद्र सिंह स्वास्थ्य मंत्री बनाए गए थे। Haryana

राव नरेंद्र सिंह विधायक तो हरियाणा जनहित कांग्रेस (हजकां बीएल) की टिकट पर चुनाव जीतकर आए थे, लेकिन बाद में उन्होंने हजकां को झटका देते हुए कांग्रेस को अपना समर्थन दे दिया था। हुड्डा सरकार-2 में राव नरेंद्र सिंह को स्वास्थ्य मंत्री बनाया गया था। 2014 में हरियाणा में भाजपा की सरकार बनी। भाजपा की सरकार में भी स्वास्थ्य विभाग का दायित्व अनिल विज को दिया गया। 2019 में भी स्वास्थ्य विभाग का जिम्मा अनिल विज को ही दिया गया। अब 2024 में हरियाणा मंत्रिमंडल में महिला को स्वास्थ्य मंत्री बनाया गया है। इस तरह से 15 साल बाद हरियाणा को महिला स्वास्थ्य मंत्री मिली हैं। Haryana

डॉक्टर्स, नर्सिंग स्टाफ फिर से अपनी मांगों को लेकर होंगे सक्रिय

स्वास्थ्य विभाग बहुत ही महत्वपूर्ण विभाग है। पहली बार विधायक बनकर ही आरती सिंह राव सीधे स्वास्थ्य मंत्री बनी हैं। उन्हें ना तो राजनीति का कोई अनुभव है और ना ही मंत्री पद का। ऐेसे में स्वास्थ्य विभाग को संचालित करना उनके लिए चुनौती हो सकती है। हरियाणा में डॉक्टर्स, नर्सिंग ऑफिसर्स के कई मुद्दे हैं, जिनको लेकर लंबे समय से डॉक्टर, नर्सिंग स्टाफ आंदोलनरत हैं। अब नई सरकार का गठन हो चुका है। स्वाभाविक है कि अब ये कर्मचारी अपनी मांगों को फिर से सरकार, मंत्री से पूरी होने की उम्मीद करेंगे। हरियाणा में नर्सिंग ऑफिसर्स ने तो आंदोलन को तेज करने के लिए सितंबर माह में रोहतक में बैठक करके रणनीति तैयार की थी। Haryana

उसी दिन दोपहर बाद ही विधानसभा चुनाव की घोषणा होते हुए आचार संहिता लागू हो गई। इसलिए आंदोलन को स्थगित करना पड़ा। इसी तरह से डॉक्टर्स भी अपनी मांगों को लेकर चुनाव से ठीक पहले आंदोलित रहे हैं। स्वास्थ्य मंत्री रहे अनिल विज के आश्वासन पर डॉक्टर्स ने अपना आंदोलन स्थगित किया, लेकिन उनकी मांगों को भी पूरा नहीं किया गया। अब फिर से डॉक्टर व नर्सिंग स्टाफ अपनी मांगों को लेकर आंदोलन की राह पकड़ सकते हैं। स्वास्थ्य मंत्री आरती सिंह राव पर यह निर्भर है कि वह कितनी सूझ-बूझ से कर्मचारियों की मांगों का हल निकालती हैं। Haryana

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