जून 2020 के आंकड़ों के अनुसार प्रदेश में बेरोजगारी की दर पहुंची 33.6 (Unemployment in Haryana)
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असम में सबसे कम 0.6 फीसदी बेरोजगारी दर
सच कहूँ/अनिल कक्कड़ चंडीगढ़। हरियाणा प्रदेश बेरोजगारी की दर में पूरे देश में टॉप पर है और जून 2020 के आंकड़ों के अनुसार प्रदेश में बेरोजगारी की दर 33.6 फीसदी है जबकि पूरे देश में सबसे कम 0.6 फीसदी बेरोजगारी की दर असम में है। यह आंकड़े सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी प्राइवेट लिम. (सीएमआईई ) द्वारा जारी किए गए हैं। यह संस्था प्रदेश में आर्थिक मसलों पर नजर रखती है। सीएमआईई द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार हरियाणा प्रदेश की सरकार ने बेरोजगारी की समस्या के लिए कुछ खास प्रयत्न नहीं किए, जिससे बेरोजगारी की समस्या यहां विकराल हो रही है। ताजा आंकड़े में 33.6 फीसदी बेरोजगारी दर, चिंताजनक है।
प्राइवेट सैक्टर में 75% जॉब के फैसले से कितनी घटेगी बेरोजगारी दर!
बता दें कि हाल के दिनों में भाजपा-जजपा सरकार ने प्रदेश के प्राइवेट संस्थानों में 75 फीसदी हरियाणा वासियों को नौकरियां दिए जाने के फैसले को कैबिनेट में मंजूरी दी थी, जिसके बाद राजनैतिक तौर पर इस मामले पर खूब ब्यान-बाजी हुई है। लेकिन वहीं विशेषज्ञों के अनुसार यदि सरकार सही मंशा से इस फैसले को लागू करती है और इस बाबत कानून लाया जाता है तो भी प्रदेश में बेरोजगारी दर को सही करने क लिए कम से कम अगले 5 साल लगेंगे।
विशेषज्ञों का तर्क है कि मौजूदा कोरोना काल में इंडस्ट्री पहले ही नुकसान में चली गई है और उसे कोरोना काल से पहले वाली स्थिति में भी पुन: लौटने के लिए कम से कम 6 महीने से 1 साल लगेगा। हालांकि ऐसा तभी संभव है जबकि प्रदेश में कोरोना की स्थिति को कंट्रोल किया जाए। लेकिन मौजूदा स्थिति में बची हुई नौकरियों को ही बचा पाना मुश्किल हो रहा है।
- कोरोना काल के चलते प्रदेश में बहुत से लोग बेरोजगार हुए हैं
- बड़ी संख्या में लोगों का प्रदेश से पलायन हुआ है।
- ऐसे में यह बेरोजगारी की दर घटने की बजाय आने वाले दिनों में और बढ़ सकती है।
हरियाणा से बेहतर प्रदर्शन कर रहा है बिहार
सीएमआईई द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार हरियाणा के बाद 21.3 फीसदी बेरोजगारी के साथ त्रिपुरा दूसरे स्थान पर है जबकि उसका पड़ोसी असम अच्छी नीतियों के साथ बेरोजगारी दर में सबसे नीच है। वहीं अचंभे की बात यह भी है कि बेरोजगारी में हरियाणा बिहार से फिसड्डी निकला है।
- पड़ोसी राज्य में पंजाब हरियाणा के मुकाबले लगभग आधी 16.8 फीसदी बेरोजगारी है।
- वहीं दिल्ली में 18.2, राजस्थान में 13.7, हिमाचल में 2.1 फीसदी बेरोजगारी दर है।
देश में सबसे ज्यादा बेरोजगारी झेल रहा है हरियाणा का युवा : सांसद दीपेंद्र
राज्यसभा सांसद और कांग्रेस कार्यसमिति के सदस्य दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने हरियाणा में बढ़ती बेरोजगारी पर गहरी चिंता जताई है। सीएमआईई की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक हरियाणा बेरोजगारी के मामले में पूरे देश में टॉप पर है। हरियाणा के 33.6 प्रतिशत लोग आज बेरोजगारी का सामना कर रहे हैं। ये देश के बेरोजगारी औसत 11 प्रतिशत का 3 गुना है। चिंता बढ़ाने वाली बात है कि हरियाणा बेरोजगारी दर में यूपी-बिहार जैसे राज्यों से भी आगे निकल गया है। दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि बीजेपी सरकार ने हरियाणा के 6 साल बर्बाद कर दिए हैं। 6 साल पहले भूपेंद्र सिंह हुड्डा सरकार के दौरान प्रति व्यक्ति आय, निवेश, रोजगार सृजन और बड़ी परियोजना की स्थापना जैसे विकास के तमाम पैमानों के हिसाब से हरियाणा पहले पायदान पर था।
लेकिन बीजेपी सरकार ने नंबर वन हरियाणा के टैग को सिर के बल खड़ा कर दिया है। उसने हरियाणा को आज बेरोजगारी, अपराध, नशे और प्रदूषण के मामले में टॉप पर पहुंचा दिया है। सांसद दीपेंद्र ने कहा कि बीजेपी सरकार के दौरान प्रदेश में न कोई बड़ा निवेश हुआ और न ही कोई बड़ा इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट लगा। इसलिए रोजगार सृजन नहीं हो पाया। सरकारी महकमों में भी नाममात्र की भर्तियां की गई। जबकि हजारों वैकेंसी खाली पड़ी हुई हैं, लेकिन सरकार भर्ती नहीं निकाल रही है।
- अपनी इसी विफलता को ढकने के लिए सरकार की तरफ से नए-नए जुमले गढ़े जा रहे हैं।
- प्राइवेट नौकरियों में 75% आरक्षण का दावा सिर्फ एक जुमला है।
- ये जुमला भी मौजूदा उद्योगों पर लागू नहीं होता।
- ये सिर्फ भविष्य में लगने वाले उद्योगों के लिए बनाया गया है।
- इसमें भी उद्योगों को आरक्षण से बचने का रास्ता दे दिया गया है।
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