नई दिल्ली (सच कहूँ न्यूज)। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा है कि जिस समय हरियाणा को अलग राज्य बनाया गया था उस समय प्रदेश की आर्थिक हालत बहुत खराब थी और अन्य राज्यों के लोगों ने यहां तक कह दिया था कि अलग प्रदेश का गठन तो करा लिया है, लेकिन क्या यहां की सरकार अपने कर्मचारियों और अन्य विभागों को तनख्वाह दे पाएगी। लेकिन यहां के लोगों ने मेहनत से न केवल प्रदेश का नाम ऊंचा किया बल्कि आज राज्य अन्य प्रदेशों के लिए मार्गदर्शक बन चुका है। वे वीरवार को यहां प्रगति मैदान में हरियाणा पैवेलियन का दौरा करने के बाद बोल रहे थे।
उन्होंने कहा कि एक नवंबर 1966 में हरियाणा एक अलग राज्य के रूप में अस्तित्व में आया था और उस समय इसकी आर्थिक हालत बहुत खराब थी, ना यहां कोई उद्योग धंधे थे और ना ही कोई आधारभूत ढांचा था। राज्य पानी और अनाज के लिए भी तरसता था, मगर यहां के मेहनतकश लोगों ने राज्य को विकसित करने में मदद की और आज यह राज्य विकास के नए कीर्तिमान बना रहा हैं। यहां सबसे अधिक खिलाड़ी हर क्षेत्र में राज्य और देश का नाम रोशन कर रहे हैंं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हरियाणा पहला राज्य है जिसने परिवार के सभी सदस्यों के बारे में जानकारी जुटाकर परिवार डाटा बैंक बनाया और इस योजना का मकसद यही है कि इससे यह पता चल सके कि किसी परिवार में कितने लोग शिक्षित हैं और कितने लोगों की कितनी आय है ताकि आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों की विभिन्न योजनाओं के तहत मदद की जा सके। इससे पहले मुख्यमंत्री ने 2020 के पैरालिंपिक विजेताओं का अभिनंदन किया और इस दौरान सुमित अंतिल (भाला फेंक), मनीष नरवाल (पिस्टल शूटिंग), योगेश कथूरिया (डिस्कस थ्रो) और सिंह राज अधाना (निशानेबाजी) को सम्मानित किया गया।
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