नई दिल्ली। हरियाणा सरकार द्वारा गठित राज्य स्तरीय कमेटी बंद राजमार्गों को खुलवाने के लिए किसानों से बातचीत करने में विफल रही है, लेकिन राज्य सरकार ने कहा है कि वह किसानों को राजमार्गों से हटने के लिए राजी कराने का प्रयास जारी रखेगी। हरियाणा सरकार ने उच्चतम न्यायालय में हलफनामा देकर कहा है कि शीर्ष अदालत के दिशानिदेर्शों पर अमल करते हुए उसने किसानों से बातचीत के लिए एक कमेटी गठित की थी, जिसने बातचीत के लिए किसानों को आमंत्रित किया था, लेकिन आंदोलित किसान बैठक में नहीं पहुंचे।
राज्य सरकार ने कहा है कि वह सार्वजनिक स्थलों और राजमार्गों को खाली कराने के लिए किसानों से बातचीत का रास्ता खुला रखेगी और उन्हें मार्ग खोलने के लिए राजी कराने का प्रयास करेगी। अभी हाल ही में न्यायालय ने राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में अवरुद्ध मार्गों को खुलवाने के लिए दायर एक याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा था कि इस समस्या का हल केंद्र सरकार और संबंधित राज्य सरकारों के हाथ में है। उन्हें यह सुनिश्चित कराना चाहिए कि प्रदर्शन के दौरान यह आवागमन बाधित न हो।
राज्य सरकार ने कहा कि संबंधित जिला प्रशासन ने भी किसान समूहों के प्रतिनिधियों से 14 सितम्बर को बैठक आयोजित की थी, ताकि आम आदमी को होने वाली असुविधा और केंद्र के निदेर्शों से अवगत कराया जा सके। हलफनामे में कहा गया है कि उसके अगले ही दिन मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने राज्यस्तरीय कमेटी गठित की थी और किसानों से बातचीत के लिए उसे अधिकृत किया था।
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