अब जींस, टी-शर्ट में नहीं दिखेंगे डॉक्टर
सच कहूँ/जसविन्द्र
जीन्द। सरकारी अस्पतालों में अब आपको डॉक्टर और नर्स फैशनेबल कपड़ों में नजर नहीं आएंगे। दरअसल सरकार ने अस्पतालों में ड्रैस कोड को लागू कर दिया है। स्वास्थ्य विभाग की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक महिलाओं के प्लाजो, जींस, स्कर्ट और बैकलेस टॉप जैसे कपड़े पहनने पर पाबंदी लगा दी गई है। वहीं भारी गहने और मेकअप के इस्तेमाल और लंबे नाखून रखने पर भी रोक लगा दी गई है। वहीं पुरुष कॉलर से लंबे बाल नहीं रखेंगे। जो स्टाफ मैंबर ड्रैस कोड को फॉलो नहीं करेगा उसको गैर हाजिर माना जाएगा। स्वास्थ्य निदेशक द्वारा सभी अस्पतालों को इस संबंध में आदेश जारी कर दिया गया है।
ये है नई ड्रैस
सुरक्षा, सफाई, रसोई और परिवहन का कार्य करने वाले कर्मचारी वर्दी में होना जरूरी। अस्पताल स्टाफ के हर सदस्य की जेब पर नाम व पद की नेम प्लेट लगाना जरूरी। नर्सिंट स्टाफ को छोड़ अन्य सभी सफेद शर्ट व काली पेंट पहन सकते हैं। हालांकि ड्रेस कोड के रंग को लेकर सिविल सर्जनों को अधिकार दिया गया है।
क्या है तर्क
अधिकारियों का कहना है कि ड्रैस कोड न होने की वजह से कई बार स्टाफ और डॉक्टरों की पहचान नहीं हो पाती है। ड्रैस कोड लागू होने से अब डॉक्टर और स्टाफ के बारे में सही जानकारी मिल सकेगी और अनुशासन के साथ बेहतरीन सेवाएं बनाने में मदद मिलेगी।
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