बिहार क्रिकेट में चमका हरियाणा का क्रिकेटर नदीम अली

  • कूच बिहार ट्रॉफी के लिए ट्रायल में नदीम अली का बेहतरीन प्रदर्शन

  • मात्र 17 रन देकर 4 ओवर में लिए 4 विकेट

गुरुग्राम। (सच कहूँ/संजय मेहरा) सुविधाओं के अभाव के बीच आगे बढ़ना ठीक उसी तरह से जैसे आग में तपकर सोना कुंदन बनता है। इसी कहावत को चरितार्थ किया है गुरुग्राम के ग्रामीण अंचल में पले-बढ़े नदीम अली पुत्र अब्दुल रजाक ने। क्रिकेट के खेल में उसने बिहार में जाकर अपनी प्रतिभा का बेहतरीन प्रदर्शन किया। कूच बिहार ट्रॉफी में जगह बनाने के लिए नदीम चार बॉलर में से सेंकेंड रनर अप रहा। उसने 4 ओवर में 17 रन देकर 4 विकेट झटके। गुरुग्राम के गांव धुनेला निवासी नदीम अली (20) कूच बिहार ट्रॉफी में चयनित होने के लिए बिहार की राजधानी पटना में क्रिकेट खेलने गया था। क्रिकेट में कुछ कर गुजरने के प्रति दीवानगी मन में पाले हुए नदीम ने वहां पर बेहतरीन खेल दिखाया। बैटिंग से ज्यादा उसने बॉलिंग में अपना हुनर दिखाया। नदीम ने चार ओवर में चार विकेट झटके।

खास बात यह है कि उसने मात्र 17 रन देकर ही यह उपलब्धि हासिल की। यानी बिना अधिक रन गंवाए ही नदीम ने जो यह कारनामा कर दिखाया, उसके आगे बिहार क्रिकेट एसोसिएशन के अधिकारियों को नदीम में भविष्य का बेहतरीन क्रिकेटर नजर आया। उसे कुल खिलाड़ियों में से 30 खिलाड़ियों में शामिल किया गया है, जो कि अब दो टीमों में बंटकर खेलेंगे। उन्हीं में से अंडर-19 क्रिकेट टीम तैयार होगी। बिहार से अपने घर गुरुग्राम के गांव धुनेला लौटे नदीम ने बतया कि करीब छह साल उसने पहले क्रिकेट खेलने की शुरूआत की थी। उसने गुरुग्राम जिले के लिए 2018 में भी ट्रायल दिया था। जयपुर में कैंप में गया था, लेकिन चयन नहीं हो पाया। उसके हौंसले पस्त नहीं हुए और वह लगातार प्रयासरत रहा।

सोहना के सरकारी स्कूल से पास की 12वीं

नदीम अली ने सोहना के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक बाल से 12वीं कक्षा पास की है। उसे माही क्रिकेट अकादमी भोंडसी से क्रिकेट की बारीकियां सीखीं। परिवार की आर्थिक स्थिति सही नहीं थी, लेकिन उसके पिता अब्दुल रजाक ने उसके जुनून को देखते हुए पूरा सहारा और सहयोग दिया। नदीम की इस उपलब्धि पर गांव में खुशी का माहौल है। सभी ग्रामीणों को नदीम में भविष्य का बड़ा क्रिकेटर नजर आ रहा है। उसे बधाई देने वालों की गांव में भीड़ लगी रही। नदीम की सरकार से मांग है कि क्रिकेट की तरफ भी ध्यान दिया जाए। जिस तरह से दूसरे खेलों के लिए सुविधाएं दी जा रही हैं, क्रिकेट की सुविधाएं भी दी जाएं। शहर के साथ ग्रामीण स्तर पर प्रतिभाएं तराशने के लिए सरकार पहल करे, ताकि हरियाणा की धरती से अच्छे क्रिकेटर भी तैयार हो सकें।

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