चंडीगढ़। (अनिल कक्कड़)। अपनी ही पार्टी जजपा के खिलाफ कभी मुखर होकर बोलने वाले देवेंद्र बबली की घुड़की काम कर गई और उन्हें मंत्रीमंडल में जगह मिल गई। वहीं हिसार से भाजपा के विधायक कमल गुप्ता को भी उनके सब्र का फल मिला है, उन्हें भी राज्य सरकार में मंत्री बना दिया गया है। मंगलवार को प्रदेश के गवर्नर हाउस पर आयोजित मंत्री पद शपथ ग्रहण समारोह में जेजेपी विधायक देवेंद्र बबली और भाजपा विधायक कमल गुप्ता को मंत्री पद की शपथ दिलाई गई। गुप्ता ने संस्कृत जबकि बबली ने हिंदी में मंत्री पद की शपथ ली। अब कयास ये लगाए जा रहे हैं कि बबली को डिप्टी सीएम दुष्यंत चैटाला के 12 मंत्रालयों में से ही एक-दो मंत्रालय दिए जा सकते हैं वहीं गुप्ता को भाजपाई मंत्रियों और सीएम के अधीन मंत्रालयों में से एक-दो मंत्रालयों का दायित्व सौंपा जाएगा। वहीं आपको बता दें कि नियमानुसार हरियाणा में 14 मंत्री ही लगाए जा सकते हैं, बबली और गुप्ता के मंत्री बनने से अब ये संख्या पूरी हो चुकी है।
सुभाष बराला को कड़ी मात देकर विधायक बने थे बबली
देवेंद्र बबली फतेहाबाद जिला के विधानसभा क्षेत्र टोहाना से जननायक जनता पार्टी के विधायक हैं। विधानसभा चुनाव-2019 में देवेंद्र बबली 52302 वोट के बड़े अंतर से तब के भाजपा प्रदेशाध्यक्ष और दिग्गत नेता सुभाष बराला को हरा कर पहली बार विधायक बने। इस चुनाव में बबली ने कुल 100752 वोट प्राप्त किए। इससे पहले वर्ष 2014 के विधानसभा चुनाव में इन्होंने आजाद उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ा था और करीब 39 हजार वोट हासिल किए थे। बबली टोहाना के गांव बिढाईखेड़ा के रहने वाले हैं। किसान परिवार से संबंध रखने वाले बबली व्यवसायी भी हैं। बबली शुरू से मंत्री पद के चाह्वान थे और इसके लिए गाहे-बगाहे उन्होंने अपने ही लीडर के खिलाफ मोर्चे भी खोले और जब खिलाफत खुल कर सामने आने लगी तो बबली को मंत्री पद का भरोसा दिया गया, जिसके बाद वे शांत हो गए थे और पार्टी लाइन पर काम कर रहे थे।
पेशे से डाॅक्टर गुप्ता ने हराई एशिया की सबसे अमीर महिला
मंत्रिमंडल विस्तार में भारतीय जनता पार्टी के कोटे से मंत्री बने डॉ. कमल गुप्ता हिसार से विधायक हैं। और पेशे से डॉक्टर हैं। गुप्ता का जन्म हरियाणा के ही गुड़गांव में हुआ, उनके पिता डाक विभाग में पोस्ट मास्टर थे। डॉ. गुप्ता की स्कूली शिक्षा चरखी दादरी से हुई और रोहतक मेडिकल कॉलेज से उन्होंने डॉक्टरी की डिग्री हासिल की। गुप्ता 2014 में पहली बार हिसार से विधायक बने और एशिया की सबसे अमीर महिला सावित्री जिंदल को हराया। मनोहर लाल की पिछली सरकार में वो 2 साल तक संसदीय सचिव भी रहे।
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