चंडीगढ़। हरियाणा में 20 फरवरी से शुरु हो रहे बजट सत्र गत वर्ष की तरह इस बार भी सदन की बैठक दो भागों में होगी। मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने मंत्रिपरिषद की बैठक की अध्यक्षता करने के बाद संवाददाता सम्मेलन में यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि पहले भाग में राज्यपाल का अभिभाषण और उस पर चर्चा और बजट प्रस्तुत किया जाएगा जबकि दूसरे भाग में बजट पर चर्चा होगी तथा इसे पारित किया जाएगा।
उन्होंने वर्ष 2023-24 के केंद्रीय बजट को समावेशी और भविष्योन्मुखी बताया जिसमें नौकरीपेशा लोगों, युवाओं, महिलाओं, पुरुषों और किसानों के सशक्तिकरण को ध्यान में रखा गया है। इस बजट में ढांचागत विकास, स्वास्थ्य, रोजगार सृजन, आवास, सामाजिक कल्याण, कृषक कल्याण, उच्च शिक्षा, नवाचार एवं अनुसंधान पर विशेष ध्यान केंद्रित किया गया है, जो हरियाणा के लिए लाभकारी होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्रीय बजट से पहले बजट पूर्व विचार-विमर्श बैठक के दौरान उन्होंने दो सुझाव दिए थे, जिसे केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने स्वीकार कर लिया है। पहला सुझाव ग्रामीण बुनियादी ढांचा विकास कोष (आरआईडीएफ) की तर्ज पर शहरी आधारभूत संरचना विकास निधि (यूआईडीएफ) की स्थापना करने के सुझाव को भी केंद्रीय वित्त मंत्री ने मानते हुये इसकी घोषणा की है। दूसरा सुझाव राज्यों को 50 वर्ष के ब्याज मुक्त ऋण के रूप में विशेष सहायता जारी रखने का था जिसे बजट में जारी रखते हुये 1.03 लाख करोड़ रुपये का प्रावधान किया है। इस योजना के तहत हरियाणा ऑर्बिटल रेल कॉरिडोर परियोजना हेतु 874 करोड़ रुपये गत वित्त वर्ष में स्वीकृत हुए थे तथा इस बार भी पर्याप्त धनराशि प्राप्त होगी।
उन्होंने कहा कि हरियाणा अपने पड़ोसी राज्यों की तुलना में बेहतर वित्तीय स्थिति में है। उन्होंने कहा कि केंद्रीय बजट में देश की चालू वित्त वर्ष की आर्थिक वृद्धि दर लगभग सात प्रतिशत दर्शाई गई है। जबकि हरियाणा की आर्थिक वृद्धि दर लगभग आठ प्रतिशत है, जोकि राष्ट्रीय औसत से अधिक है। इसके अलावा केंद्रीय बजट में वित्तीय घाटे की सीमा राज्य सकल घरेलू उत्पाद का तीन प्रतिशत तक तय की गई है। हरियाणा पहले ही वित्तीय घाटे को इससे कम रखने में सफल रहा है। वित्त वर्ष 2021-22 का वित्तीय घाटा 2.9 प्रतिशत था उन्हें विश्वास है कि चालू वित्त वर्ष का घाटा भी इससे कम ही रहेगा।