विपक्ष ने उठाया सवाल : लोगों के मुद्दों का क्या होगा?
-
बीएसी की मीटिंग में हुए फैसले को मानने को तैयार नहीं थे विधायक
-
अनिल विज ने दिया दखल तो शांत हुए विपक्षी विधायक
अश्वनी चावला चंडीगढ़। तीन दिन तक चलने वाले विधानसभा सत्र को बुधवार को कोविड-19 की महामारी के चलते एक दिन में ही खत्म कर दिया गया। विधानसभा सत्र के कार्रवाई एक दिन तक सीमित किए जाने के फैसले को लेकर विधानसभा में कांग्रेस के विधायकों के साथ-साथ इनेलो के एक मात्र विधायक ने भी जमकर हंगामा किया। इसी बीच नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने अपनी बात रखते हुए दोबारा सत्र बुलाने की मांग की। हंगामे की स्थिति को देख डिप्टी स्पीकर रणबीर सिंह गंगवा ने विपक्ष के विधायकों को शांत करवाने की कोशिश की। लेकिन जब वे नहीं माने तो गृह मंत्री अनिल विज को बीच बचाव करना पड़ा। विज ने विधायकों को शांत करते हुए वायदा किया कि जैसे ही कोविड-19 महामारी के बाद स्थिति सामान्य होगी तो विधानसभा का सत्र बुलाकर सभी विधायकों द्वारा उठाए जाने वाले मुद्दों पर चर्चा की जाएगी। बुधवार को मात्र एक दिन के विधानसभा सत्र में दिवंगत आत्माओं को श्रद्धांजलि देने के साथ-साथ कुछ बिल ही पास किए गए। इसके अलावा विधानसभा सत्र में कोई भी कार्रवाई नहीं हो पाई। विधानसभा के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है जब एक दिन चलने वाले सत्र में न प्रश्नकाल हुआ और न ही ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पर कोई जवाब दिया गया है। विधानसभा सत्र को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया।
कांग्रेस के मास्क पर नजर आया ‘करप्शन इन कोविड’
हरियाणा विधानसभा सत्र में कांग्रेस विधायकों द्वारा भ्रष्टाचार के मामलों का एक अलग ही अंदाज में विरोध देखने को मिला। 1 दिवसीय सत्र में ज्यादा बोलने का समय तो मिलना नहीं था। इसके चलते कांग्रेस ने अपने सभी विधायकों को एक विशेष तरह के मास्क दिए, जिन पर लिखा था ‘‘करप्शन इन कॉविड’’। कांग्रेस की इस रणनीति पर नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि कोविड-19 के बावजूद भी हरियाणा प्रदेश में भ्रष्टाचार पूरे जोर-शोर से चल रहा है और उसे रोकने के लिए प्रदेश सरकार न कुछ कर रही है और न ही दोषियों को पकड़ा जा रहा है। ऐसे दर्जनों मामले पिछले दिनों सामने आ चुके हैं। उन्होंने कहा कि कोविड-19 के चलते आज विधानसभा में ज्यादा चर्चा नहीं होनी थी, ऐसे में उन्होंने अपना विरोध जताने और बात रखने के लिए मास्क का सहारा लिया है और अपने मास्क पर ‘‘करप्शन इन कोविड’’ लिखवाया है।
कांग्रेस, इनेलो ने किया वाकआउट
विधानसभा सत्र के दौरान कांग्रेस शराब घोटाले को लेकर ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पर चर्चा करना चाहती थी। इसको लेकर कांग्रेस विधायकों ने सत्र की समयावधि घटाने के विरोध में हंगामा किया। इस दौरान विधानसभा के उपाध्यक्ष किसी भी ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पर चर्चा कराने के लिए राजी नहीं हुए। जिसके चलते कुछ मिनट तक कांग्रेस विधायकों की तरफ से हंगामा किया जाता रहा। उसके बाद कांग्रेस के विधायक वॉकआउट करते हुए सदन की कार्रवाई से बाहर चले गए। वहीं दो ध्यानाकर्षण प्रस्ताव को ही मंजूरी के बावजूद कार्रवाई में शामिल न किए जाने से नाराज इनेलो विधायक ने भी सदन की कार्यवाही से वॉकआउट किया।
हाउस में अनाउंस करें कि भूपेंद्र हुड्डा को नहीं मानते अपना नेता : अनिल विज
सदन में कांग्रेस विधायकों द्वारा हंगामा किए जाने पर गृह मंत्री अनिल विज अपनी सीट से खड़े हो गए। विज ने कहा कि कांग्रेस विधायक सदन में अनाउंस करें कि वे भूपेंद्र सिंह हुड्डा को अपना नेता ही नहीं मानते हैं। क्योंकि सदन के अंदर जो भी कार्रवाई चल रही है, वह बिजनेस एडवाइजरी कमेटी की मीटिंग में ही तय की गई है। विज ने कहा कि बिजनेस एडवाइजरी कमेटी की मीटिंग में भूपेंद्र सिंह हुड्डा भी शामिल हुए थे और वहीं पर यह तय हुआ था कि सत्र की कार्यवाही जरूरी कामकाज करने के साथ ही समाप्त कर दी जाए।
जिन विधेयकों पर हमें एतराज, वे न हों पेश : हुड्डा
नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने सदन की कार्रवाई दौरान कहा कि जिन विधेयकों पर कांग्रेस पार्टी को ऐतराज है और उन पर चर्चा की जानी जरूरी है, इसलिए वे विधेयक आज की कार्यवाही दौरान पेश न किए जाएं। सिर्फ उन विधेयक को ही आज की कार्रवाई में पेश किए जाए, जोकि सरकार के लिए अति जरूरी है और जिनके कारण सरकारी कामकाज में परेशानी आ सकती है, जिसमें जीएसटी व अन्य विधेयक शामिल हैं। भूपेंद्र हुड्डा ने कहा कि कोविड-19 के चलते सत्र छोटा किया जा रहा है, इससे वह सहमत जरूर है। परंतु जल्द ही दोबारा विधानसभा का सत्र बुलाते हुए विधायकों को जरूर सुना जाए और सभी तरह के बिल पर बहस करवाई जाए।
यह विधेयक हुए सदन में पास
-
हरियाणा ग्रामीण विकास संशोधन विधेयक 2020
-
हरियाणा लिफ्ट व एक्सीलेटर विधेयक बिल 2020
-
हरियाणा नगर निगम संशोधन विधेयक 2020
-
हरियाणा नगर मनोरंजन शुल्क विधेयक 2020
-
हरियाणा अग्निशमन सेवा संशोधन विधेयक 2020
सदन के पटल पर रखे गए प्रश्न उत्तर
हरियाणा विधानसभा सत्र के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है, जब तारांकित प्रश्न सदन के पटल पर रखे गए हैं जबकि इससे पहले तारा अंकित प्रश्न को विधायकों की तरफ से पढ़े जाने के पश्चात मंत्रियों की तरफ से उनका जवाब दिया जाता था। परंतु इस बार कोविड-19 के चलते सवाल जवाब देने की जगह सदन के पटल पर ही प्रश्नों के जवाब रखे गए हैं। इससे पहले बिना तारा अंकित सवालों के जवाब ही पटल पर रखे जाते थे, परंतु इस बार तारा अंकित सवालों के उत्तर भी पटल पर रखे गए हैं।
इनको दी गई श्रद्धांजलि
इससे पूर्व, सदन में कर्नाटक के पूर्व राज्यपाल हंसराज भारद्वाज, मध्य प्रदेश के राज्यपाल लालजी टंडन, पूर्व मंत्री मांगेराम गुप्ता, विधायक कृष्ण हुड्डा, पूर्व विधायक मनीराम, प्रख्यात शास्त्रीय गायक पंडित जसराज, स्वतंत्रता सेनानी धारा सिंह, 25 शहीदों, कोरोना से जंग में मारे गए कोरोना योद्धाओं को श्रद्धांजलि दी गई।
हम नहीं चाहते बच्चों के पास कोरोना वाली डिग्री : कंवरपाल गुर्जर
संसदीय कार्य एवं शिक्षा मंत्री कंवरपाल गुर्जर ने कहा कि हम किसी बच्चे पर यह दाग नहीं लगवाना चाहते कि उसके पास कोरोना वाली डिग्री है, इसलिए हम हर हाल में कोई न कोई बीच का रास्ता निकालते हुए परीक्षा जरूर लेंगे। हरियाणा सरकार कोरोना वाली डिग्री नहीं देगी। गुर्जर ने कहा कि शिक्षा विभाग छात्रों को कोरोना वाली डिग्री नहीं देगा। शिक्षा विभाग छात्रों की परीक्षाएं लेकर ही परिणाम देगा। उसी के आधार पर डिग्री दी जाएगी। विश्वविद्यालयों से संबंद्ध महाविद्यालयों में परीक्षाएं ऑनलाइन भी ली जा सकती है।
रजिस्ट्री पर चैक एंड बैलेंस लगाएंगे
उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने सदन में कहा कि डीड संवैधानिक अधिकार है। इस पर चैैक एंड बैलेंस लगाए जा सकते हैं, लेकिन किसी की रजिस्ट्री रोक नहीं सकते। 14 दिन के अंदर टाउन एंड कंट्री प्लानिंग डिपार्टमेंट एनओसी देगा अन्यथा रजिस्ट्री को अप्रूव माना जाएगा। लीज के साथ-साथ जो गिफ्ट डीड बनाई जाती थी, उस पर भी चैक एंड बैलेंस लगाएंगे। अर्बन लोकल बाडीज को जियो मैपिंग के साथ जोड़ा है। रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया को सिंपल करेंगे। बारी-बारी से दफ्तरों के चक्कर न काटने पड़े तथा डिजिटल माध्यम से रजिस्ट्री का लाभ मिलेगा।
पहले पाँच हजार लेता था, अब एक लाख मांगता है : रामकुमार गौतम
रजिस्ट्री घोटाले को लेकर जेजेपी विधायक रामकुमार गौतम ने निशाना साधते हुए कहा कि रजिस्ट्रियां हर राज में हुई हैं। पहले रजिस्ट्री करने वाला पांच हजार लेता था, अब एक लाख मांगता है। यह भी कहता है कि ऊपर देकर आऊंगा। यह पिछले और अब के राज में अंतर है। हरियाणा नगरीय क्षेत्र विकास तथा विनियमन विधेयक पैसे खाने का तंत्र बनेगा। कॉलोनियों की रजिस्ट्री पर कोई बैन नहीं होना चाहिए। छोटे या बड़े शहर में कॉलोनी में प्लॉटों की रजिस्ट्री पर कोई रोक नहीं हो। इसमें विकास शुल्क लगा दो मगर गरीब का मकान गिराने वाले को सजा मिलनी चाहिए। जितने मकान बने सबको नियमित बनाएं। गांव में तो मकान बनाने के लिए नियंत्रित करने का काम नहीं करना चाहिए। एटीपी और डीटीपी सब पैसे खाने वाले हैं। हर सरकार में भ्रष्टाचार हुआ है। पहले वाली भी और इस बार की भी।
अन्य अपडेट हासिल करने के लिए हमें Facebook और Twitter पर फॉलो करें।