गुरुग्राम में हरेरा ने बिल्डर पर लगाया 30.48 करोड़ का जुर्माना

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वाणिज्यिक साइट का रजिस्टर्ड नहीं कराने पर की कार्रवाई (fine)

गुरुग्राम। वाणिज्यिक साइट को हरेरा में रजिस्टर्ड नहीं कराने पर एक बिल्डर पर हरेरा ने मंगलवार को बड़ी कार्रवाई करते हुये 30.40 करोड़ रुपये का भारी-भरकम जुर्माना ठोंका है। इस जुर्माने के बाद से रियल एस्टेट क्षेत्र में भी खलबली मच गई है।  हरियाणा रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी गुरूग्राम गलत निर्माण करने वाले बिल्डरों के साथ अब सख्ती से पेश आ रही है। नियमों में चूक करने वाले बिल्डरों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई भी की जा रही है।

अनुमानित परियोजना लागत लगभग 300.48 करोड़, 10 फीसदी लगाया जुर्माना (fine)

मंगलवार को हरेरा केके खंडेलवाल की अध्यक्षता वाली बड़ी बैंच नेे समीर कुमार और सुभाष चंद्र कुश सदस्यों की उपस्थिति में मैसर्स ओरिस इंफ्रास्ट्रक्चर प्राईवेट लिमिटेड पर 30.48 करोड़ का जुर्माना लगाया। यह जुर्माना उनकी वाणिज्यिक परियोजना को पंजीकृत नहीं करवाने के लिए लगाया गया है।चालू परियोजनाओं जहां पूरा करने का प्रमाणपत्र जारी नहीं किया गया है, नियमों के मुताबिक उन्हें रेरा अधिनियम के प्रारंभ होने की तारीख से तीन महीने के भीतर प्राधिकरण के पास पंजीकृत होना आवश्यक है। परियोजनाओं के प्रमोटर्स को 31 जुलाई 2017 से पूर्व अपनी परियोजनाओं को पंजीकृत कराना था।

गुरुग्राम में हरेरा ने की बड़ी कार्रवाई

मैसर्स ओरिस इन्फ्रास्ट्रक्चर प्राईवेट लिमिटेड सेक्टर-82-ए गुरूग्राम में 9.5 एकड़ क्षेत्र में एक व्यावसायिक परियोजना को विकसित कर रहा है। परियोजना को विकसित करने के लिये प्रमोटर को लाईसेंस वर्ष 2008 में जारी किया गया था। इसके बाद 11 साल बीत जाने के बावजूद अभी तक साईट पर कुछ भी नहीं किया गया है। वाणिज्यिक इकाइयों/भूखंडों को प्रमोटर द्वारा बड़ी संख्या में खरीदारों को बेचा गया था और साइट पर वास्तव मे कुछ भी नहीं हुआ।

खरीददार अपने आपको प्रमोटर द्वारा ठगा हुआ महसूस कर रहे थे। प्रमोटर जबरन उन्हें किसी अन्य परियोजना में स्थानांतरित करने की काशिश कर रहा है। जब यह मामला प्राधिकरण के संज्ञान मे आया तो प्राधिकरण ने प्रमोटर के खिलाफ कार्रवाई की है। जब रिकार्ड की जांच की गई तो पाया गया कि बिल्डर कानून की पूर्ण अवहेलना कर रहे हैं और निर्धारित समय मे तथा उसके बाद भी ढाई साल बीत जाने के बाद भी चालू परियोजना को पंजीकृृत नहीं करवाया है।

अनुमानित परियोजना लागत का 10 फीसदी जुर्माना

अनुमानित परियोजना लागत लगभग 300.48 करोड़ है और प्राधिकरण ने परियोजना की लागत का 10 प्रतिशत यानि 30.48 करोड़ का अधिकतम जुर्माना लगाने का फैसला किया है। प्राधिकरण की इस सख्त कार्यवाही से चूक करने वाले बिल्डरों को सही संकेत मिलेंगे और रियल एस्टेट सेक्टर-में आवंटियों का विश्वास बढ़ाने और लम्बित परियोजनाओं को पूरा करने में बिल्डरों की ओर से असाधारण देरी के कारण रियल एस्टेट सेक्टर में आवंटियों का विश्वास बढ़ेगा।

 

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