- रूहानी सत्संग। कभी सुख-शांति नहीं देता भ्रष्टाचार से कमाया धन, ठगी-बेईमानी छोड़ मेहनत करके खाओ : पूज्य गुरु जी
- 11670 लोगों ने लिया गुरुमंत्र
- हजारों ने ग्रहण किया रूहानी जाम
Sirsa, SachKahoon News: जो इंसान सत्संग में चलकर आता है उसकी सभी परेशानियां और रास्ते में आने वाली रुकावटें दूर हो जाती हैं। मनमते लोग जीव को सत्संग में आने से रोकते हंै। मन कहता है कि सत्संग में जाने से क्या मिल जाएगा। तेरे इतने काम बकाया पड़े हैं, वो कर ले। अगर तू सत्संग में नहीं जाएगा तो कौन पूछता है। उक्त अनमोल वचन पूज्य गुरु संत डा. गुरमीत राम रहीम जी इन्सां ने रविवार को शाह सतनाम जी धाम में आयोजित रूहानी सत्संग के दौरान फरमाए। लाखों की तादाद में पहुंची साध-संगत ने पूज्य गुरु जी के अनमोल वचनों का लाभ उठाया। इस अवसर पर 11670 लोगों ने पूज्य गुरु जी से गुरुमंत्र की अनमोल दात ग्रहण कर नशों व सामाजिक बुराईयों से तौबा की।
रूहानी सत्संग के दौरान हजारों श्रद्धालुओं ने ‘रूहानी जाम जाम-ए-इन्सां’ भी ग्रहण किया। सत्संग की महिमा का वर्णन करते हुए पूज्य गुरु जी ने फरमाया कि सत्संग में मालिक की चर्चा होती है, सतगुरु से प्यार-मोहब्बत बढ़ता है। इंसान को उसकी परेशानियों व दुखों का हल मिलता है। इसलिए सत्संग में चलकर जरुर आना चाहिए। सत्संग सबके भले के लिए होता है। सत्संग सुनने से आत्मबल बढ़ता है। आत्मबल बढ़ाने के लिए लोग दुनियाभर में चक्कर लगाते हैं।
आत्मा की शांति नहीं तो बाकी सब चीजें फिजूल की हंै। चाहे इंसान के पास कितनी ही जमीन जयदाद हो, ऐशों आराम के साधन हों, अगर आत्मिक शांति नहीं तो सब व्यर्थ है। आत्मिक शांति सबसे जरुरी है।पूज्य गुरु जी ने फरमाया कि वाहेगुरु, अल्लाह, गॉड के नाम में वो शक्ति है जो आगे बढ़ने के लिए प्ररेणा देती है। हर इंसान जीवन में तरक्की चाहता है, सुख-शांति चाहता है, अपनी और परिवार की तंदरुस्ती चाहता है। इसमें कोई गलत नहीं है। हक-हलाल की कमाई करके खाओ। किसी दूसरे के मुंह से निवाला छीनकर अपने बच्चों को खिलाना जहर के समान है। ठगी, बेईमानी, भ्रष्टाचार से कमाया हुआ धन कभी सुखशांति नहीं देता। मेहनत से हार्ड वर्क करके जो कमाई की जाती है वह जरुर फलती-फूलती है। जीने के लिए कमाना चाहिए। कमाने के लिए जीना गलत है। ठगी, बेईमानी, भ्रष्टाचार से कमाने की बजाए मेहनत की करके खाओ। दिमागी मेहनत, शारीरिक मेहनत और अच्छे कर्म करके खाओ। वो कमाई हमेशा सुखदायी होगी। अगर मेहनत की कमाई को कोई चोर-उचक्का भी चुरा ले जाता है, जब तक वह उसे वापिस न लौटा दे तब तक उसे भी चैन नहीं मिलता। राम का नाम जपो, ईश्वर की भक्ति करो। हां, इच्छाएं हैं तो आदमी है, लेकिन इच्छाओं के मक्कड़जाल में नहीं फंसना चाहिए। इतनी इच्छाएं पैदा ही न करो कि जिन्हें पूरा करते-करते सारी उम्र ही खत्म हो जाए। रूहानी सत्संग की समाप्ति पर लाखों श्रद्धालुओं को चंद मिनटों में ही लंगर-भोजन खिला दिया गया।
पूज्य गुरु जी ने महामहिम राष्ट्रपति को दी जन्मदिन की बधाई
सरसा। डेरा सच्चा सौदा के पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां ने माननीय महामहिम राष्टÑपति प्रणब मुखर्जी के 81वें जन्मदिन पर हार्दिक शुभकामनाएं दी। अपने ट्विटर अकाऊंट से किए ट्वीट में पूज्य गुरु जी ने महामहिम राष्टÑपति को जन्मदिन की हार्दिक बधाई दी है।
परमात्मा के आगे नहीं चलता ढ़ोंग
पूज्य गुरु जी ने फरमाया कि इंसान को दीनता और नम्रता के साथ जीना चाहिए। सब कुछ मिल जाए, लेकिन अहंकार नहीं आना चाहिए। जब अहंकार आ जाता है तो वहां से मालिक का प्यार चला जाता है। मालिक के रहमोकर्म को याद रखना चाहिए। हमेशा उसका शुक्राना करते रहना चाहिए। अगर भगवान से कुछ मांगना ही है तो भगवान से भगवान को मांगो। फिर देखना किसी चीज की कमी नहीं रहेगी। बस इंसान की कथनी-करनी में फर्क नहीं होना चाहिए। परमात्मा के आगे ढ़ोंग, ड्रामेबाजी नहीं चलती। जिनके अंदर सतगुरु के लिए तड़प होती है। सतगुरु उन्हें जरुर मिलते हैं। सेवा, सिमरन और अपने सतगुरु पर दृढ़ विश्वास रखना जरुरी है। दृढ़ विश्वास सत्संग सुनने से ही आता है। सत्संग में आने से मन की जिज्ञासा शांत होती है। मन को कभी भी अपने ऊपर हावी नहीं होने देना चाहिए।