उस्तरे से गला रेतकर चाचा की हत्या करने के दोषी भतीजे को आजीवन कारावास

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  •  वर्ष 2019 में हनुमानगढ़ टाउन की मीरा कॉलोनी में दिया था वारदात को अंजाम
  •  अपर जिला एवं सेशन न्यायालय हनुमानगढ़ ने सुनाया फैसला

हनुमानगढ़। उस्तरे से गला रेतकर चाचा की हत्या करने वाले भतीजे को अपर जिला एवं सेशन न्यायाधीश संख्या एक पलविन्द्र सिंह ने शुक्रवार को दोषी करार दिया। न्यायाधीश पलविन्द्र सिंह ने दोषी युवक बिंटू उर्फ बिंटीया पुत्र गोपीराम धानक निवासी मीरा कॉलोनी, हनुमानगढ़ टाउन को आजीवन कारावास तथा पांच हजार रुपए जुमार्ने की सजा सुनाई। राज्य की ओर से अपर लोक अभियोजक रिछपाल सिंह चहल ने पैरवी की।

प्रकरण के अनुसार मुकेश कुमार पुत्र गोपीराम धानक निवासी मीरा कॉलोनी, हनुमानगढ़ टाउन ने 3 सितम्बर 2019 को टाउन पुलिस थाना में मुकदमा दर्ज करवाया था कि बिंटू उर्फ बिंटीया उसका बड़ा भाई है जो शादीशुदा है। बिंटू उर्फ बिंटीया की पत्नी तकरीबन 1 साल पहले छोड़कर अपने पीहर चली गई। 2 सितम्बर 2019 को उसका चाचा सुभाष निवासी गांव ढालिया उसने मिलने के लिए मीरा कॉलोनी स्थित घर आया हुआ था। रात्रि को खाना खाने के बाद उसका भाई बिंटू उर्फ बिंटीया व चाचा सुभाष दोनों मकान की छत पर सो गए। वह रात्रि को मजदूरी कर देरी से घर आया।

वर्ष 2019 में हनुमानगढ़ टाउन की मीरा कॉलोनी में दिया था वारदात को अंजाम

उस समय उसके चाचा सुभाष व भाई बिंटू उर्फ बिंटीया छत पर सो रहे थे। वह भी खाना खा कर घर के आंगन में सो गया। 3 सितम्बर 2019 को अल सुबह करीब 5 बजे छत पर चिल्लाने की आवाज सुनाई दी तो वह छत पर गया। उसने देखा कि उसका भाई बिंटू उर्फ बिंटीया उसके चाचा सुभाष के चाकू जैसे हथियार से गले व सिर पर वार कर रहा था। उसे देखकर बिंटू उर्फ बिंटीया छत से नीचे उतरकर बाहर गली में भाग गया। उसने शोर मचाया। उन्होंने चारपाई पर पड़े चाचा सुभाष को सम्भाला तो उनकी मौके पर ही मृत्यु हो चुकी थी। पुलिस ने आईपीसी की धारा 302 के तहत मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू की।

आरोपी के खिलाफ चालान पेश किया। कोर्ट में मामले की सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष ने 20 गवाह पेश किए तथा 45 दस्तावेज प्रदर्शित करवाए। सुनवाई के बाद न्यायालय अपर जिला एवं सेशन संख्या एक के न्यायाधीश पलविन्द्र सिंह कोर्ट ने शुक्रवार को आरोपी बिंटू उर्फ बिंटीया को आईपीसी की धारा 302 में आजीवन कारावास व पांच हजार रुपए जुमार्ने की सजा सुनाई। जुमार्ना अदा न करने पर एक माह का साधारण कारावास भुगतना होगा।