कोई हंसाए तो हँस दीजिए
कोई रुलाए तो भी हँस दीजिए।
जी हां। जीवन को स्वस्थ, सुखमय और सहज बनाना ही आजकल सबसे जरूरी है। (Hasne ke fayde) आपकी हंसी यह कर सकती है। हंसना किसी के जीवन का लक्ष्य तो नहीं हो सकता परंतु सदा हंसते और मुस्कुराते रहना जीवन का फलसफा होना चाहिए। ये आपके जीवन का मूल मंत्र भी हो सकता है। क्यों? ये जानने के लिए इस लेख को पढ़ें। इसमें हम आपको हंसने के पांच फायदे बताने वाले हैं। जो हैं-(benefits of laughing)
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- हंसिए, क्योंकि बीपी बढ़ रहा है।
- हंसिए, क्योंकि चिंता चिता के समान है।
- हंसिए, क्योंकि बीमारियों से लड़ना है।
- हंसिए, क्योंकि नींद जरूरी है।
- हंसिए, क्योंकि आप खूबसूरत हैं।
तो चलिए इन बिंदुओं पर विचार करते हैं। | Hasne ke fayde
हंसिए, क्योंकि बीपी बढ़ रहा है!
बीपी यानी ब्लड प्रेशर अथवा रक्तचाप, जो आजकल बड़ा प्रचलन में है। डब्लू एच ओ के मुताबिक भारत में हर चार में से एक वयस्क को रक्तचाप की समस्या है। इसमें भी उच्च रक्तचाप या हाइपरटेंशन के मामले ज्यादा पाए जाते हैं। आजकल जिसे देखो उसे बीपी की समस्या सुनने को मिलती है। जवान और बुजुर्ग तो क्या आजकल किशोरों में भी ये समस्या उपजने लगी है। ये उत्पन्न हुआ नहीं अपितु किया गया है।
इसका श्रेय जाता है आजकल की जीवनशैली को। बेकार की चिंताएं और व्यस्तताएं आपको खुद के लिए समय निकालने नही देती। व्यर्थ की चिंता से हमारे शरीर में कार्टिसोल नामक हार्मोन उत्पन्न होता है। काटोर्सोल के बढ़ने की वजह से कई बीमारियां शरीर में पनपती हैं। उच्च रक्तचाप उनमें से एक है। इस भागदौड़ भरी जिंदगी में अगर कुछ पल आप हंसी के लिए निकालें तो देखिएगा की ये बीपी की समस्या कैसे झट से नियंत्रित होती है।
दरअसल हंसने से आपके शरीर में रक्त परिसंचरण भली भांति होता है। जिससे बीपी हाई हो या लो नियंत्रण में हो सकता है। एक जोरदार हंसी से आपकी हार्ट रेट यानी हृदय गति बढ़ती है फिर घटती है। इस क्रिया के बाद आप मानसिक सुकून का अनुभव करेंगे।
बीपी नियंत्रण के साथ ही हंसने के फायदे और भी हैं । आइए जानें।
हंसिए, क्योंकि चिंता चिता के समान है! | Hasne ke fayde
करियर हो या पढ़ाई, नौकरी हो या गृहस्थी चिंता तो हर चीज की होती है। आजकल तो नन्हे नन्हे बच्चों को भी पता है की टेंशन किस चिड़िया का नाम है। पर इस चिड़िया को उड़ाने में अधिकतर के तोते उड़ जाते हैं! मतलब टेंशन या तनाव से शरीर में बहुत सी बीमारियां पनपती हैं। इन से डिप्रेशन या अवसाद सबसे प्रमुख है। ये एक मनोरोग या सिंड्रोम है।इसके इलाज के लिए हमें डॉक्टरों और दवाइयों का इस्तेमाल करना पड़ता हैं। आजकल स्ट्रेस और एंजाइटी का जिक्र आपको कई जगह मिलता है।
परंतु इस स्तर पर पहुंचने से अच्छा है आप ये मुफ्त का इलाज अपनाएं। यानी खुलकर हंसें। अगर हंसने में आप असहज महसूस करते हैं, जैसा की कुछ अंतमुर्खी लोगों में देखा गया है, तो आप बच्चों से सीख सकते हैं। छोटी छोटी बातें हो या अजनबियों को देखकर और मिल कर हंसना। बच्चे मन के चंचल और साफ दिल के होते हैं। ये विचार उनके मन में नहीं आता की कोई क्या कहेगा ऐसे हंसने पर? आप भी कोई क्या कहेगा के विचार को त्याग कर खुल के हंसे और अजनबियों से न सही पर अपनो को देख कर ही हंस या मुस्कुरा दें।
आपने लाफ्टर योग यानी के हास्य योग के बारे में जरूर सुना होगा। पार्क में, मूवी में और सोशल मीडिया पर भी हास्य योग के बहुत प्रचलित है। इस योग में कुछ लोग समूह में एक साथ दिल खोल के हंसते हैं। हंसने से एंडोर्फिन नामक रसायन का स्राव होता है जो मानसिक तनाव को दूर करता है।
हँसी आपके आॅक्सीजन युक्त हवा के सेवन को बढ़ाती है। जिससे आप प्रफुल्लित महसूस करते हैं। तनाव मुक्ति के अलावा हंसने के फायदे आपको और भी मिलेंगे। तनाव से सिर्फ मानसिक ही नहीं शारीरिक कष्ट भी विकसित होते हैं। उनसे भी आपको मुक्ति मिलती है जब आप खुल कर हंसते हैं। तो चिंता कर के अपनी चिता खुद मत बनाइए, हंसिए और हंसाइए और जीवन को खुशहाल बनाएं।
हंसिए, क्योंकि बीमारियों से लड़ना है। | Hasne ke fayde
भागदौड़ का जीवन और तुलनात्मक प्रतियोगिता से खान पान अस्त व्यस्त हो जाता है। नकारात्मक विचार आपके दिमाग और शरीर को आराम नहीं करने देते। नकारात्मकता आपके मन में डर, शक और चिंता का वातावरण बनाती है।
यूनिवर्सिटी आॅफ मैरीलैंड के अनुसार हंसने से आपकी रक्त धमनियां अच्छे से काम करतीं हैं। इससे हार्ट अटैक की संभावना कम होती है। हंसने के फायदे में एक और बिंदु जोड़ दीजिए। इम्यूनिटी यानी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाना। हंसने से एंटीबॉडी का निर्माण होता है जो हमारे शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है।
कोरोना काल में हम अपने कमजोर शरीर और दुखी मन से बहुत जूझते हैं। कोरोना वायरस और अन्य बीमारियों के कारण शरीर अंदर से कमजोर हो गए हैं। शरीर के साथ ही मानसिक स्वास्थ्य भी प्रभावित हुए है। कोरोना काल के बाद से लोगों में शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता उत्पन्न हुई है। आजकल लोग कई तरह की थेरेपी यानी चिकित्सा के प्रति रुझान प्रकट कर रहे हैं।
लाफ्टर थेरेपी का प्रचलन भी बहुत लोकप्रिय है। लाफ्टर थेरेपी और हास्य योग अलग अलग हैं। दोनों को करने का तरीका अलग है। लाफ्टर थेरेपी एक इमोशन कल्चर है। इसमें कुछ लोग एक गुट में बैठ कर हल्की फुल्की हंसी से शुरूआत करते हैं। हंसी को स्टिमुलेट करने के लिए वो किसी का उपयोग भी कर सकते हैं। वहीं हास्य योग थोड़े भागने और व्यायाम के बाद किया जाना उचित रहता है। इसमें हाथों को ऊपर कर के हल्की हंसी से प्रारंभ किया जाता है। आपको इसमें से जो भी अपने लिए उपयुक्त लगे आप कर सकते हैं।| Hasne ke fayde
यकीन मानिए ये एक उपाय यानी हंसने का फायदा आपको कई परेशानियों से दूर रखेगा। हंसने से आप सकारात्मक विचार की ओर अग्रसर होंगे और एक उच्चतम जीवन जी पाएंगे। फिर कोई भी वायरस या बीमारी हो , अच्छी रोग प्रतिरोधक क्षमता से आप हर मुश्किल समय का सामना कर पाएंगे।
हंसिए, क्योंकि नींद जरूरी है!
कम नींद लेना या नींद न लेना एंजाइटी और तनाव का कारण बनता है।आजकल की पढ़ाई बच्चों को सोने नहीं देती। प्रमोशन और इंक्रीमेंट की टेंशन नौकरीपेशा लोगों को सोने नहीं देती। बुजुर्गों को अपने बच्चों और बीमारियों के कारण तनाव रहता है। हंसने के ये एक और फायदे के बारे में जानें। जब आप हंसते हैं तो आप ऑक्सीजन युक्त हवा का ज्यादा सेवन करते हैं। शरीर में आॅक्सीजन के संचार से आप ओवरथिंकिंग नही करते और तनाव से मुक्त रहते हैं।
हंसना एक व्यायाम की तरह ही है जो आपके शरीर में हृदय, फेफड़ों और मांसपेशियों को उत्तेजित कर सक्रिय बनाता है। हंसना शरीर को मालिश जैसा आराम प्रदान करता है। जब आप हंसेंगे तब गौर करिएगा की आपकी पिंडली की मासपेशी, कंधे,पेट की मांसपेशियां और चेहरा कुछ सिकुड़ते और खिंचते हैं। हां सच में, चाहे तो अभी हंस के देख लीजिए।
इस खिंचाव के बाद आप रिलैक्स फील करते हैं और आराम से नींद ले पाते हैं। अच्छी नींद आपका दिन ही नहीं अपितु अव्यवस्थित जीवनशैली को भी दुरुस्त कर देती है। आप पार्क में कई लोगों को, ज्यादातर बुजुर्गों को जबरदस्ती हंसते हुए देखते होंगे। कुछ इससे प्रभावित होकर खुद भी हंसने लगते हैं। आखिर हंसना एक संक्रामक क्रिया है। वहीं कुछ लोग इसे असहज पाते हैं। इस असहजता को दूर कीजिए और दो पल चाहे झूठे से ही पर हंस दीजिए। हंसने से आप अपनी चिंता से मुक्त हो कर चैन से नींद ले पाएंगे।
पहले के जमाने में राजा महाराजा अपने राजभवन में हास्य कवि को स्थान दिया करते थे। इससे वो कुछ पल उनकी कृतियों का आनंद ले कर चिंता मुक्त हो जाते थे। रानियों के महल में भी ऐसी व्यवस्था का जिक्र इतिहास में मिलता है। गांवों में भी हास्य नौटंकी और कवि सम्मेलन का प्रबंध होता है। आखिर राजा हो या प्रजा चिंता से सबको मुक्ति चाहिए ताकि सुकून से कुछ पल निद्रा का आनंद ले पाएं।
हंसिए, क्योंकि आप खूबसूरत हैं।
विश्वास कीजिए। अगर आप हंसने के फायदे से परिचित हैं या हो गए हैं तो आप खूबसूरत हैं। हंसना एक मानसिक, शारीरिक और रासायनिक प्रक्रिया है। हंसने से हमारे दिमाग का फ्रंटल लॉब सक्रिय होता है। उसमे भी बायां भाग अधिक प्रभावित होता है। यह भाग हमारी भावनाओं को समझने और संचार करने के लिए जिम्मेदार होता है। परंतु हमारे हंसने की मतलब रिएक्ट करने की प्रक्रिया के लिए लिंबिक सिस्टम जिम्मेदार होते हैं। लिंबिक सिस्टम हमारे दिमाग के ठीक बीच में होता है। हंसने से हमारे चेहरे के पंद्रह मांसपेशियां सिकुड़ती हैं। इन मांसपेशियों के सिकुड़ने से आपके चेहरे की वर्जिश कुछ इस तरह होती है की झुर्रियां कम हो जाती हैं। चेहरा खिल उठता है।
तो हो गए न खूबसूरत हंसने से। हंसने से आप अपनी व्यावहारिकता भी सुधार सकते हैं। हंसने का एक सामाजिक महत्व भी है। हंस कर आप अपनी सहमति अभिव्यक्त कर सकते हैं। हंसने से दोस्ताना माहौल की स्थापना होती है। अकेले हंसे तो क्या हंसे। किसी के साथ हंसने से हंसी दोगुनी और कई बार तिगुनी भी हो जाती है।
हास्य योग इसका एक अच्छा उदाहरण है। इस योग में आप बिना वजह हंसना शुरू करते हैं और फिर हंसते चले जाते हैं। दिमाग ये पहचान नहीं पाता की ये हंसी प्राकृतिक है या संक्रामक। यानी ये हंसी किसी बात की है या बिना बात की। एंडोर्फिन का निर्माण तब भी होता है। हंसने से चेहरे पर चमक आती है। निखार बढ़ता है। एक हंसता मुस्कुराता चेहरा ही आखिर सबको पसंद आता है।
हंसने के फायदे में एक और कड़ी जोड़िए। हंसना एक सूक्ष्म व्यायाम भी है। जी हां। एक शोध के मुताबिक अगर आप रोजाना औसतन दस से पंद्रह मिनट हंसते हैं तो आप दस से चालीस कैलोरिस घटा सकते हैं। ये भले ही कुछ लोगों को कम लगे परंतु कुछ नहीं से कुछ बेहतर होता है।
हमारे शरीर पचास से भी ज्यादा हार्मोन्स यानी ग्रंथि रस का स्त्राव होता है। इनमें से चार हार्मोन्स हैप्पी हार्मोन्स कहलाते हैं जो की हमारे हंसने और खुश रहने में सहायक होते हैं। ये चार हार्मोन्स हैं सेरोटोनिन, डोपामिन, एंडोर्फिन और आॅक्सीटोसिन। इनमें से दो, एंडोर्फिन और आॅक्सीटोसिन का संबंध हंसने से होता है।
हंसने के बाद आप एक गहरी सांस लेते हैं यानी भरपूर आॅक्सीजन। ये सांस राहत की सांस लगती है। हंसने से आप आॅक्सीटोसिन नामक हार्मोन भी निस्तारित करते हैं। आॅक्सीटोसिन आपको दर्द और तकलीफ से मुकाबला करने में सहायक है। ये चिंता से मुक्त भी करता है।
अगर आप दूसरों से मिलने और बात करने में असहज महसूस करते हैं तो आप टेलीविजन या आॅनलाइन ओटीटी प्लेटफार्म के माध्यम से हास्य नाटक देख कर भी हंस सकते हैं। परंतु हंसिए जरूर। अंग्रेजी में कहावत है की हंसी एक औषधि है। तो इस अनुपम औषधि का प्रयोग खुद को और दूसरों को भी स्वस्थ रखने में उपयोग कीजिए।
अंत में।
मैंने हँसना सीखा है
मैं नहीं जानती रोना;
बरसा करता पल-पल पर
मेरे जीवन में सोना।
मैं अब तक जान न पाई
कैसी होती है पीड़ा;
हँस-हँस जीवन में कैसे
करती है चिन्ता क्रीड़ा।
आदरणीय कवयित्री सुश्री सुभद्रा कुमारी चौहान की रचना मेरा जीवन की ये कुछ पंक्तियां सार है इस लेख का।
तो हंसिए और खुश रहिए ताकि आपके आस पास का वातावरण भी सकारात्मक और खुशनुमा बना रहे और आप स्वस्थ रहें और चिंता मुक्त रहें।
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