- रोक। लगातार बढ़ रहे सड़क हादसों के ग्राफ को कम करने के लिए सरकार ने तैयार किया एक्शन प्लान
- राज्य सड़क सुरक्षा परिषद् की बैठक में तैयार हुआ मसौदा
- 20 महीने में 29160 सड़क हादसों में गई 12605 की जान
- 26646 हो चुके हैं लहूलुहान
ChandiGarh, Anil Kakkar: सरकारी आंकड़ों के अनुसार पिछले 20 महीनों में प्रदेश की सड़कों पर हुए हादसों में 12605 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। अब जबकि धुंध का मौसम है और हादसों की संख्या में इज़ाफा हुआ है तब समाचार पत्रों, टी.वी. चैनलों तथा अन्य मीडिया संस्थानों द्वारा लगातार सड़क सुरक्षा को लेकर सरकार से किए गए सवालों एवं सुझाए गए उपायों पर आखिरकार सरकार ने गौर कर लिया है। प्रदेश के परिवहन मंत्री कृष्ण लाल पंवार ने ऐलान किया है कि अब से ट्रैफिक रूल तोड़ने वाले साधनों पर हुए चालानों से जो भी पैसा सरकार के पास आएगा उसका 50 फीसदी सड़क सुरक्षा के उपायों में लगाया जाएगा। बता दें कि वर्ष जनवरी 2014 से अगस्त 2016 तक प्रदेश में कुल 29160 सड़क हादसे हुए जिनमें 26646 लोग घायल हो गए तथा 12605 लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी। प्रदेश में कमजोर सड़क सुरक्षा व्यवस्था, उचित मैडिकल सेवाओं की कमी तथा एंबूलेंस जैसी सुविधाओं के टोटे के कारण हर महीने करीबन 603 या रोजाना 21 लोग अपनी जान गंवा रहे हैं। वहीं 1332 हर माह या 45 लोग रोजाना घायल हो रहे हैं। वहीं हर माह 1458 सड़क हादसे हो रहे हैं यानि रोजाना लगभग 48 हादसे। इन हादसों में जहां कीमती इंसानी जिंदगियां खत्म होती हैं वहीं हजारों करोड़ रुपए के व्हीकलों का भी नुकसान होता है। प्रदेश की टैÑफिक पुलिस द्वारा मुहैया करवाए गए ये आंकड़े भयावह हैं वहीं धुंध के समय इन हादसों की संख्या ज्यादा होती है। अपने प्रियजनों को सड़क हादसों में खोने वाले परिवारों के आंसुओं की कीमत समझते हुए और भविष्य में हादसे कम हो के उपायों पर गौर करते हुए आज प्रदेश सरकार के परिवहन मंत्रालय ने कुछ कदम उठाए हैं।
50 प्रतिशत राशि सड़क सुरक्षा पर खर्च करने वाला हरियाणा पहला राज्य
बुधवार को आयोजित राज्य सड़क सुरक्षा परिषद् की एक बैठक में परिवहन मंत्री कृष्ण लाल पंवार ने दावा किया कि हरियाणा देश का ऐसा पहला राज्य है जिसने चालान इत्यादि से प्राप्त कंपोजिशन फीस की 50 प्रतिशत राशि सड़क सुरक्षा पर खर्च करने की योजना बनाई है। बैठक में उन्होंने धुंध के मौसम में सड़क दुर्घटनाओं की रोकथाम के लिए सड़क पर सफेद पट्टी लगाने के निर्देशों के साथ-साथ सड़कों के किनारे खड़े सूखे पेड़ों को तुरंत हटाए जाने एवं झुके हुए पेड़ों की कटाई-छंटाई करने के निर्देश दिए।आंकड़ों के इतर परिवहन मंत्री ने दावा कि कि राज्य सरकार द्वारा किए गए ठोस प्रयासों के फलस्वरूप वर्ष 2016 में सडक दुर्घटनाओं में उल्लेखनीय कमी आई है तथा इन्हें और कम करने के प्रयास किए जा रहे हैं।
पंवार ने बताया कि सड़कों पर सफेद पट्टी लगाने का काम जारी है और उन्होंने सड़क सुरक्षा कोष की राशि बढ़ाने के संबंध में मुख्यमंत्री मनोहर लाल से अनुरोध किया है।
हर जिले में खुलेंगे ड्राइविंग स्कूल
परिवहन मंत्री ने बताया कि हर जिला मुख्यालय पर चालक प्रशिक्षण स्कूल खोले जाएंगे जिनमें ट्रक, बस, मोटरसाइकिल, कार इत्यादि समेत सभी वाहनों का प्रशिक्षण दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि हालांकि राज्य परिवहन की बसों में महिलाओं के लिए सीटें आरक्षित की गई हैं लेकिन इसके लिए महिलाओं को स्वयं जागरूक होना पड़ेगा। यदि फिर भी उनके साथ किसी प्रकार का दुर्व्यवहार होता है तो विभाग द्वारा संबंधित चालक या परिचालक के खिलाफ तुरंत कार्यवाही की जाएगी।
दुर्घटना संभावित क्षेत्रों की होगी पहचान, बनेंगे स्पीड ब्रेकर
बैठक में दुर्घटनाओं संभावित क्षेत्रों में सुधार लाने और नए दुर्घटनाएं संभावित क्षेत्रों की पहचान करने, स्पीड ब्रेकर बनाने और नए स्पीड ब्रेकरों के स्थान की पहचान करने, सड़क साइनेज, मार्किंग, केट आइज, रिफ्लेक्टर इत्यादि लगाने, फुट ओवर ब्रिज और अंडर ब्रिज बनाने समेत महत्वपूर्ण स्थानों पर ट्रैफिक लाइट लगाने पर विचार-विमर्श किया गया। इसके अतिरिक्त राजमार्गों के साथ-साथ सभी महत्वपूर्ण अस्पतालों में ट्रामा सुविधाएं उपलब्ध करवाने और उनकी जानकारी पूरे पते के साथ देने के भी निर्देश दिए गए।
हादसों में जान बचाने वालों से ज्यादा पूछताछ नहीं
परिवहन मंत्री ने पुलिस अधिकारियों को निर्देश दिए कि सड़क दुर्घटनाओं में दुर्घटनाग्रस्त व्यक्ति की जान बचाने वाले सामान्य व्यक्ति से ज्यादा पूछताछ न की जाए ताकि वे बेहिचक दुर्घटनाग्रस्त व्यक्ति की सहायता कर अमूल्य जीवन बचा सकें। बैठक में यह भी निर्देश दिए गए कि सडक पर सडक सुरक्षा से संबंधित होर्डिंग व बैनर को छोडकर होटल, ढाबे व शराब के ठेकों इत्यादि के होर्डिंग व बैनर्स को तुरंत हटाया जाए।