पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां ने गत दिवस पानी व तेल की बचत सहित प्राकृतिक स्त्रोतों का बचाव के हित में लोगों को अपनी जीवनशैली बदलने पर बल दिया है। जहां तक तेल की खपत का संबंध है, इससे लगातार प्रदूषण बढ़ रहा है। तेल की खपत प्रदूषण के साथ-साथ आर्थिक बोझ भी साबित हो रही है। तेल के भंडार भी सीमित हैं। इसी तरह पानी की महत्वता है। तेल के बिना तो मनुष्य जी भी सकता है लेकिन पानी के बिना जीवन ही संभव नहीं। पूज्य गुरु जी ने धार्मिक मंच से पूरे विश्व के लिए बड़ा और आसान संदेश दिया कि आपको कुछ नहीं करना, बस केवल अपनी आदतों और जीवनशैली को बदलना है।
बस लापरवाही और स्वार्थ का त्याग करना है। केवल अपने बारे में नहीं बल्कि पूरी दुनिया और भावी पीढ़ियों के बारे में सोचना है। सोचने का नजरिया बदलना है। यदि हम पानी को बचाएंगे फिर ही वह भावी पीढ़ियों को पानी मिलेगा। बिजली की बचत ऊर्जा संकट को खत्म करेगी। ऊर्जा खपत कम करने से थर्मलों में कोयले की खपत कम होगी, इसी तरह प्रदूषण से राहत मिलेगी। वायु प्रदूषण तंबाकू के धुएं की तरह भयानक साबित हो रहा है। कैंसर के मामले निरंतर बढ़ते जा रहे हैं। वास्तव में जागरुकता ही सबसे बड़ा समाधान है। जब प्रत्येक व्यक्ति पानी व तेल की एक-एक बूंद, बिजली की एक-एक यूनिट के बारे में सोचने लगेगा तब कहीं जाकर सुधार होगा।
एक साईकिल को पाइप के साथ धोने की सोच को बदलना होगा, जिस पर 20 बाल्टी पानी प्रयोग में लिया जाता है। यही नहीं कार को धोने के लिए इतना पानी बहाया जाता है जिससे एक ट्राला भी आसानी से धोया जा सकता है। पानी को फ्री न समझकर प्रयोग करें, बल्कि यह प्रकृति का बहुमूल्य स्त्रोत है। पानी शुद्ध करने की फैक्ट्री हो सकती है लेकिन पानी बनाने की कोई फैक्ट्री नहीं स्थापित की जा सकती। जहां तक प्रदूषण के साथ बढ़ रही बीमारियों का ताल्लुक है इसके लिए मनुष्य ही जिम्मेदार है।
अब सभी को यह सोचना होगा कि यदि मैं गॉडी का कम प्रयोग करूंगा, तब यह मेरे परिवार के सदस्यों व गांव-शहर के लोगों के स्वास्थ्य के लिए लाभदायक होगा। वास्तव में गॉड़ी को हमारे लोगों ने आवश्यकता की बजाए स्टेट्स सिंबल मान लिया है जबकि इसका अविष्कार केवल सुविधा के लिए हुआ था। लोग 20 रूपये का ब्रैड खरीदने के लिए गॉड़ी का प्रयोग करते हैं और 100 रूपये का तेल फूंक देते हैं और प्रदूषण अलग से करते हैं जबकि यही काम पैदल, साइकिल या कम र्इंधन खपत वाले स्कूटर, मोटरसाइकिल से हो सकता है। देश में जैसी समस्याएं होंगी उनसे निपटने के लिए वैसी ही जीवनशैली बनानी होगी।
अन्य अपडेट हासिल करने के लिए हमें Facebook और Twitter, Instagram, LinkedIn , YouTube पर फॉलो करें।