वैज्ञानिकों ने भी की है स्टडी, संयुक्त परिवार होता ‘रीढ की हड्डी’
‘परिवार’ एक सुदृढ़ संगठन। कहते हैं एकता में बल होता है। (World Family Day) जैसे हाथ की पांचों अंगुलियोें को इकट्ठा करके बंद कर लें तो एक मुट्ठी बनती है और बंद मुट्ठी लाख की होती है अगर वही मुट्ठी खोल दी जाए तो सब अंगुलियां अलग-थलग पड़ जाएंगी, जिनकी ताकत भी बहुत ही कम हो जाएगी। उसी प्रकार एक परिवार होता है, जो एक सुदृढ़ संगठन की भांति होता है। ‘संयुक्त परिवार’ एक ही छत के नीचे, एक ही घर में चार पीढ़ियों के लोगों के समूह को कहते हैं, जिनकी रसोई, पूजा-पाठ, संपत्ति भी सामूहिक, सांझी होती है। परिवार चाहे कितने भी जटिल और विविध क्यों ना हों, वो बहुत महत्व रखते हैं। हर वर्ष 15 मई को ‘विश्व परिवार दिवस’ के रूप में मनाया जाता है, जोकि समाज की बुनियादी इकाई के रूप में परिवारों के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए मनाया जाता है।
(World Family Day) के अवसर पर डेरा सच्चा सौदा के संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां परिवार का महत्व सदा समझाते हैं। पूज्य गुरू जी ने डिजीटल दुनिया में टूटते रिश्तों को मजबूत करने के लिए SEED अभियान और सभी परिवार के सदस्य एक साथ खाना खाएं, इसके लिए TEAM अभियान शुरू किए हैं। इसके साथ ही गुरू जी बुजुर्गों की देखभाल पर ध्यान देने पर जोर देते हैं। पूज्य गुरू जी के वचनानुसार अब वैज्ञानिक भी मानते हैं, उनके रिसर्च में बहुत बड़ा खुलासा हुआ है।
कनाडा के शोधाकतार्ओं द्वारा दिए गए रिव्यू के अनुसार, रोज परिवार के साथ डिनर करने से ईटिंग डिस्आॅर्डर से जुड़ी समस्याएं, शराब और अन्य पदार्थ की लत से बचा जा सकता है। ये किशोरों में आक्रामक व्यवहार, डिप्रेशन और आत्महत्या के खतरे को काफी कम करता है।यंग फीमेल प्रतिभागियों को परिवार के साथ खाने से अधिक लाभ मिलते हैं।
चलोगे गुरू जी की शिक्षानुसार, तो नहीं टूटेंगे कभी परिवार
पूज्य गुरु जी ने शुरू करवाया, पूरा परिवार एक साथ बैठकर खाना खाए। परिवार में खुशहाली बनी रहे, इसके लिए प्रतिदिन नहीं तो कम से कम सप्ताह में एक दिन जरूर पूरा परिवार एक साथ बैठकर खाना खाए। आज पूज्य गुरु जी के वचनों अनुसार देश के विभिन्न राज्यों हरियाणा, पंजाब, कर्नाटक, महाराष्टÑ समेत देश विदेश की साध-संगत परिवार के संगत भोजन ग्रहण करती है।
परिवार के साथ खाना खाने के फायदे | World Family Day
जेएएमए नेटवर्क ओपन की एक स्टडी में सामने आया है कि परिवार के साथ खाने से खासतौर पर किशोर अच्छी डाइट लेते हैं। जो टीनएज बच्चे अपने परिवार के साथ खाते हैं, उनके फास्ट फूड और मीठे बेवरेज खाने की तुलना में फल और सब्जियां खाने की संभावना अधिक होती है।
गंभीर मानसिक समस्याओं से बचाव
कनाडा के शोधाकर्ताओ द्वारा दिए गए रिव्यू के अनुसार, रोज परिवार के साथ डिनर करने से ईटिंग डिस्आॅर्डर से जुड़ी समस्याएं, शराब और अन्य पदार्थ की लत से बचा जा सकता है। ये किशोरों में आक्रामक व्यवहार, डिप्रेशन और आत्महत्या के खतरे को काफी कम करता है।यंग फीमेल प्रतिभागियों को परिवार के साथ खाने से अधिक लाभ मिलते हैं।
मोटापा नहीं होता
आपको जानकर हैरानी होगी कि परिवार के साथ खाना खाने से बच्चों एवं किशोंरों में मोटापे और वजन से संबंधित समस्याओं का खतरा कम रहता है। जरनल आॅफ पीडियाट्रिक्स में प्रकाशिक अध्ययन में किशोरों के परिवार के साथ खाने और मोटापे या वजन से जुड़ी समस्याएं 10 साल देरी से आती हैं। इस स्टडी में कहा गया है कि परिवार को हफ्ते में कम से कम एक या दो बार साथ बैठकर डिनर करना चाहिए। इससे बच्चों को आगे चलकर मोटापे का खतरा कम रहता है।
बच्चों में बढ़ता है आत्मसम्मान
स्टैनफोर्ड चिल्ड्रन हैल्थ के विशेषज्ञों के अनुसार, परिवार के साथ खाना खाने से बच्चों का आत्मविश्वास बढ़ने में मदद मिल सकती है। खाने की टेबल पर बच्चों से उनके दिन के बारे में पूछें और उनकी बात सुनें। इससे बच्चों को एहसास होगा कि उनके विचार भी महत्व रखते हैं जिससे उनमें आत्मविश्वास बढ़ता है।
कम्युनिकेशन स्किल बेहतर होती है
2018 में कनाडा की स्टडी में पाया गया कि जो बच्चे छोटी उम्र से ही परिवार के साथ खाना खाते हैं, उनमें साल की उम्र से 10 साल की उम्र तक सकारात्मक लाभ देखे गए। परिवार के साथ बातें साझा करने से बच्चों के बीच बेहतर कम्युनिकेशन हो पाता है।
रोज 150 ग्राम दाल, बींस का सेवन करें
आपको बता दें कि पीएलओएस मेडिसिन का शोध कहता है कि जिन लोगों के भोजन में बींस, दालें और फलियां जैसी चीजें शामिल होती है उन्हें कोलेस्ट्रॉल और ब्लड शुगर नियंत्रित रहता है और हार्टअटैक, स्ट्रोक, डायबिटीज का खतरा भी कम रहता है।