गुरुग्राम(संजय कुमार मेहरा)। हरियाणा रियल एस्टेट नियामक प्राधिकरण (Gurugram Real Estate) गुरुग्राम की अदालत ने मंगलवार को एक आदेश के तहत आईएलडी बिल्डर को निर्देश जारी किए कि आवंटी से फ्लैट के नाम पर ली गई कुल राशि आवंटी को ब्याज सहित वापस लौटाई जाए। आदेश में कहा गया कि आईएलडी यह राशि 90 दिन की समय सीमा के भीतर राशि की वापिस करे। अदालत ने पीडि़त आवंटी के पक्ष में यह बड़ा फैसला किया।
शिकायतकर्ता ने 10 जून, 2015 को आईएलडी अरेटे गु्रप हाउसिंग प्रोजेक्ट में एक अपार्टमेंट बुक किया था। इसके कब्जे की तारीख 10 दिसंबर, 2019 बिल्डर की ओर से दी गई थी। 2 अगस्त, 2021 को रेरा कोर्ट में मामला के आने तक भी प्रमोटर आवंटी को अपार्टमेंट देने में विफल रहा। इस पर अदालत ने कहा कि इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए कि आवंटी परियोजना से हटना चाहता है। वह प्रमोटर से ब्याज के साथ वापसी की मांग करता है। बिल्डर फ्लैट बेचने के दौरान किए गए अपने करार पर खरा नहीं उतरा है।
अदालत ने देखा कि बिक्री के लिए समझौते के अनुसार कब्जे की नियत तारीख 10 दिसंबर, 2019 है और शिकायत दर्ज करने की तारीख में एक साल सात महीने और 23 दिनों की देरी है। ऐसे में रेरा कोर्ट ने कहा कि प्रमोटर इकाई के संबंध में आवंटी से प्राप्त राशि को ब्याज के साथ वापस करने के लिए उत्तरदायी है। रेरा कोर्ट में सुनवाई के लिए कुल 53 मामलों को सूचीबद्ध किया गया था। तीन मामलों में धनवापसी की अनुमति दी गई थी। पांच मामलों में अदालत ने विलंबित कब्जे के आरोपों (देरी से कब्जा देने के लिए चार्जिज) की अनुमति दी।
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