मलबे में जिन्दगियां तलाशने में जुटे डेरा अनुयायी | Four Storey building Gurugram
गुरुग्राम(सच कहूँ/ संजय मेहरा)। निमार्णाधीन इमारतों में हो रहे हादसों से शायद ही हम सबक ले रहे हैं। यह सबकी लापरवाही का ही नतीजा है कि जिला के गांव उल्लावास में चार मंजिला इमारत ढह गई। जिस समय इमारत (Four Storey building Gurugram) ढही, उस समय लोग अपने-अपने कमरों में सो रहे थे। जैसे ही धमाके की आवाज सुनाई दी, गांव के लोग उस ओर दौड़ पड़े। तत्काल सूचना पुलिस और प्रशासन को दी गई।
मौके पर डेरा सच्चा सौदा की शाह सतनाम जी ग्रीन एस वेल्फेयर फोर्स विंग के सेवादार व एनडीआरएफ की टीम पहुंची और देर शाम तक बचाव कार्य में जुटी रही। प्रशासनिक तौर पर शाम तक 6 लोगों के मारे जाने की सूचना दी गई। हालांकि चर्चा यह रही कि इस बिल्डिंग के नीचे करीब एक दर्जन लोग दबे हुए हैं। इस इमारत में 20 लोग किराए पर रहते थे।
गांव उल्लावास में गुरुवार की सुबह जब लोग गहरी नींद में सो रहे थे तो पास में ही बन रही गांव के दयाराम की चार मंजिला इमारत ताश के पत्तों की तरह ढह गई। उस इमारत में चौथी मंजिल पर लैंटर बुधवार को यानी एक दिन पूर्व ही डाला गया था। इस लैंटर के डाले जाने के बाद ही यह हादसा हुआ। जैसे ही लोगों को इस हादसे का पता चला, पूरा गांव उस ओर दौड़ पड़ा। लोग समझ ही नहीं पा रहे थे कि आखिर बचाव किस तरह से किया जाए। इसी बीच सूचना पुलिस और प्रशासन को दी गई। देखते ही देखते मौके पर पुलिस फोर्स पहुंच गई और प्रशासन की ओर से राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन की टीम को भी मौके पर बचाव के लिए बुलाया गया।
250 लोगों को बचाव कार्य में लगाया गया | Four Storey building Gurugram
उल्लावास में यह इमारत चार महीनों से बनाई जा रही थी। बुधवार को भी चौथी मंजिल पर लैंटर डाला गया था। काम करने वाले मजदूर इसी इमारत में सोए हुए थे। ग्रामीणों के मुताबिक इसी इमारत का मालिक दयाराम जोकि इसी गांव का रहने वाला है वो खुद ही ठेकेदार है। एनडीआरएफ की टीमें मलबे को हटाती रही। करीब छह घंटे बाद तक भी किसी भी व्यक्ति को निकाला नहीं गया है। इस कार्य में 250 लोगों में बचाव कार्य में लगाया गया है।
पुलिस कर रही है मामले की जांच: थाना प्रभारी
सुबह पांच बजे अचानक इमारत गिरने के मामले में यह बातें छनकर बाहर आती रही कि मलबे से निकाले गए सात लोगों की मौत हो चुकी है। पुलिस या प्रशासन की तरफ से कोई पुष्टि नहीं की गई है। पुलिस सिर्फ यही बता रही थी कि बचाव कार्य किया जा रहा है। इस दर्दनाक हादसे की सूचना मिलते ही पुलिस ने घटनास्थल को चारों तरफ से घेर लिया है। किसी भी ग्रामीण और बाहरी आदमी को घटना स्थल तक नहीं पहुंचने दिया जा रहा है। सेक्टर-65 थाना प्रभारी सत्यवीर यादव ने बताया कि टीम में बचाव कार्य में लगी हुई है।
इमारत में हो रहा था घटिया सामग्री का इस्तेमाल: एसडीएम
उपायुक्त विनय प्रताप सिंह के मुताबिक इमारत गिरने के कारणों का पता नहीं चल पाया है। जांच के बाद ही स्पष्ट होगा कि कहां चूक हुई है। फिलहाल प्रशासन मलबे में दबे लोगों को निकालने के प्रयास में जुटा है। वहीं एसडीएम संजीव सिंगला ने कहा कि इमारत के निर्माण में घटिया सामग्री का इस्तेमाल किया जा रहा था, जिस कारण यह हादसा हुआ है। ग्रामीणों ने बताया कि पहले भी ठेकेदार को निर्माण रोकने के लिए कहा था लेकिन वह नहीं माना। बताया जा रहा है कि यह चार मंजिला बिल्डिंग बिना पीलर के ही बनाई जा रही थी।
तीन शवों की हुई पहचान, दो शव और दिखाई दिए
उल्लावास गांव में चार मंजिला इमारत के मलबे में 20 से ज्यादा लोगों के दबे होने की आशंका जताई जा रही है। अभी तक हादसे में तीन लोगों की मौत हो चुकी है। रेस्क्यू टीम ने तीन शवों को बाहर निकाला है। टीम को दो शव मलबे में और दिखाई दिए हैं। तीन शवों की पहचान हो चुकी है। तीनों ही शव उत्तर प्रदेश के रहने वाले युवकों के हैं।
इनकी पहचान अल्ताफ निवासी बिहार 24 वषज्, कुलदीप 32 साल और तीसरे की पहचान विशाल निवासी (17) उत्तर प्रदेश के रूप में हुई है। इसके अलावा मलबे में दो शव दिखाई दिए गए हैं उनको निकालने की प्रक्रिया चल रही है। पुलिस पीआरओ सुभाष बोकन ने पांच लोगों की मौत की पुष्टि करते हुए बताया कि अभी रेस्क्यू का काम जारी है। रात को भी यह कार्य जारी रहेगा, ताकि पूरा मलबा हटाकर क्लीयर कर लिया जाए कि कोई और व्यक्ति तो नहीं दबा है।
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