- रेन वाटर हार्वेस्टिंग से जल संचयन करने में विफल है गुरुग्राम
- रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगभग पड़े हैं बंद
- पानी जमीन में जाने का नहीं है रास्ता
गुरुग्राम। बरसात के पानी को संचयन करने के लिए सरकार की ओर से तालाबों को विकसित किया जा रहा है। पहाड़ी क्षेत्र में भी चैक डैम बनाए गए हैं। बरसाती पानी के संचयन का सबसे आसान तरीका वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम है। कहने को तो रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लघु सचिवालय, सरकारी महाविद्यालयों, स्कूलों आदि के साथ निजी कंपनियों और शहर में कई जगह बनाए हुए हैं। लेकिन इनमें से अधिक सिस्टम सिर्फ दिखावे के ही रह गए हैं। क्योंकि इनकी समय पर सफाई नहीं हो पाती। इस कारण से बरसाती का पानी उनमें नहीं जाता। ये सिस्टम दुरुस्त नहीं होने के कारण लाखों गैलन बरसात का पानी गंदे नालों में ही बह जाता है। समय पर अगर वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम दुरुस्त किए जाएं तो जमीन बरसाती पानी से रिचार्ज हो सकती है। गुरुग्राम जैसे जिले के लिए तो ऐसा करना बहुत जरूरी है। क्योंकि यहां का वाटर लेवल काफी नीचे जा चुका है। इस मामले में जिला डार्क जोन में है।
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