डेरा सच्चा सौदा के सेवादारों ने गुरुग्राम का कोना-कोना कर दिया साफ
गुरुग्राम(सच कहूँ/संजय मेहरा)। मिलेनियम सिटी गुरुग्राम में रविवार को डेरा सच्चा सौदा की ओर से व्यापक पैमाने पर चलाए गए सफाई महाअभियान से गुरुग्राम की तस्वीर बदल दी गई। डेरा के सेवादारों ने चप्पे-चप्पे, कोने-कोने की सफाई करते हुए गुरुग्राम से करीब 4 हजार टन कूड़ा एकत्रित किया। जिसमें से 3 हजार टन नगर निगम ने उठाकर निश्चित स्थान तक पहुंचाया। जबकि एक हजार टन के करीब उठाना बाकी था।
आमतौर पर गुरुग्राम नगर निगम क्षेत्र में घरों, गलियों, सड़कों पर मिलने वाला कूड़ा 500 टन से अधिक होता है। घरों से निकलने वाले कूड़े को उठाने के लिए यहां चीन की कंपनी इको ग्रीन काम करती है। डोर-टू-डोर कूड़ा कलेक्शन करके उसे एक जगह पर एकत्रित किया जाता है। यहां लघु सचिवालय के पास बेरी वाला बाग के साथ कूड़ा ट्रांसफर स्टेशन बनाया गया है। यहां से कूड़ा ट्रकों में भरकर सीधे बंधवाड़ी डंपिंग स्टेशन पहुंचाया जाता है।
इको ग्रीन कंपनी द्वारा कूड़ा ही उठाया जाता है। क्योंंकि कंपनी का काम घरों से निकलने वाला कूड़ा ही उठाने का है। इतने ही टन सीएंडडी वेस्ट भी होता है, जिसे दूसरे ठेकेदारों द्वारा उठाकर दूसरे प्लांट पर भेजा जाता है। इसके अलावा इतना ही कूड़ा रोजाना शहर की सड़कों पर भी फैला रहता है। जिसे नगर निगम के सफाईकर्मी साफ करते हैं। हालांकि सफाई के बाद भी बहुत सा कूड़ा, गंदगी यहां-वहां फैली ही रहती है। इसके अलावा टूटे हुए पेड़, पौधे, पेड़ों से गिरे पत्ते, टूटी सड़कों पर पड़े पत्थर, नालोंं, नालियों में भरी गंदगी तो अलग ही है। जिस तरह से डेरा सच्चा सौदा के सेवादारों ने गुरुग्राम में सफाई करके कूड़ा, करकट, गंदगी निकाली, वह भी बहुत ज्यादा थी। नगर निगम के अनुसार रविवार को निकाली गई गंदगी रोजाना निकलने वाली गंदगी से कई गुणा थी। यह अपने आप में बहुत बड़ी बात है। साथ यहां की सफाई व्यवस्था पर भी सवाल खड़े होते हैं। सेवादारों ने जो गंदगी निकाली, क्या वह सफाई कर्मियों की नजरों में नहीं आती।
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