गुरु जी ने बताया इस तरह फैट को किया जा सकता है कम

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सरसा। पूज्य गुरु संत डॉ. राम रहीम सिंह जी इन्सां ने फरमाया कि आपने पूछा गुरु कौन सा तरीका है जिससे फैट बर्न होता है। जॉगिंग में थोड़ी स्पीड़ बढ़ाते हुए छोटे कदम करते हुए जंप लेकर आगे बढ़ते जाना है। जैसे- जैसे उछलते हुए चलेंगे, उससे फैट जल्दी बर्न होता है। वीडियो देखने के लिए इस पर क्लिक करें।

पूज्य गुरु जी ने फरमाया कि और कई बार, जैसे बच्चों ने कहा था कि गुरु जी वो कौन सा तरीका है, जो दौड़ने से वजन कम होता है, आज हमने वो आपके लिए डाला भी है फोन पर, कि कैसे वो दौड़ना चाहिए, कैसे वो स्पीड होती है, ना वॉकिंग है, ना दौड़ना है, बीच का थोड़ा सा। वो जंप लेकर चलने का एक तरीका होता है, बाकी आप फॉलो कीजिये, ये तो हमारा ख़ुद का आजमाया हुआ परफैक्टली असरदार है, करना तो आपने है, आपके हाथ में है। उससे वजन लाजमी उड़ता (घटता) है। लेकिन ये थोड़ा ही ना है कि सिर्फ ये करने से वजन उड़ (घट) जाएगा। वो करके पाँच-चार पीजें रगड़ दिये, वजन तो दोगुना हो जाएगा। तली चीजें खा गए, घी-दूध का ज्यादा सेवन कर लिया। तो खाने-पीने पर कंट्रोल करना बेहद जरूरी है। भूखे मत रहो, चेहरे की रौनक उड़ जाती है।

ये नया सा एक वर्ड आया है डायटिंग, हम डायटिंग पर हैं और मुंह सूखकर वो, मतलब क्या कहें, बुरा लगता है, बच्चे बुरा मनाएंगे। अजीब सा हो जाता है। जैसे आम का ऊपर का सारा चूस लिया जाए और नीचे गुठली सी रह जाती है। अजीबोगरीब सा हो जाता है, फिर कहते हैं कि ये क्या हो गया? तो बच्चों भूखे रहकर आप क्यों अपने आप को सजा दे रहे हो? खाओ, खाकर कम करो। जितना मर्जी सलाद खा लो, बॉडी वेट इनटू टैन ग्राम आप फ्रूट खाओ। तो इस तरह से अगर खाकर कम हो जाए तो ज्यादा अच्छा नहीं। आपके मिनरल्स भी पूरे हों, चेहरे पर भी कोई फर्क ना पड़े और वजन भी कम हो जाए। तो इस तरह से, बात घूम घुमाकर वहीं पर आती है कि संयम, खाने-पीने में भी संयम रखना होगा। सामने सामान देखा टूट पड़ते हो। फिर आगे से पूछो, कई भारी बेटे-बेटियां आते हैं हमारे, पूछते हैं उनसे कि बेटा मोटा कैसे हो गया? कहता पता नहीं गुरु जी।

अरे ज्यादा खाता होगा, तो कहता है कि ना जी, मेरे तो पानी भी लगता है। हमने कहा पानी लगता है, बेचारे गरीब पानी पीते हैं ज्यादा उनके तो नहीं लगा। असली सामान तो बताना नहीं है ना कि क्या-क्या खा जाते हैं सोने के बाद माँ-बाप के। या जागते हुए भी दांव लगा जाते हैं, देखा कि कोई है तो नहीं, मुंह में सीधा ही पार, ऊँट की तरह अंदर ही सीधा। कई तो चबाते ही नहीं, कब्जी हो जाती है फिर अलग चक्कर पड़ता है। पवित्र वेदों में लिखा है कि भोजन जो है खाने-पीने की चीज उसको पीओ, यानि उसको इतना चबा दो कि वो पानी की तरह हो जाए। और पानी को खाओ, सिप-सिप करके आराम से पानी पीया करो, जल्दबाजी ना किया करो। तो भाई हमारा काम बताना है, मानना आपने है। मानोगे तो भगवान जी, संत, पीर-पैगम्बरों ने जो लिखा उनके द्वारा बताई गई बातों से खुशियां जरूर मिलेंगी।

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