बरनावा (सोनू)। पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां ने मंगलवार सायं आॅनलाइन मजलिस में फरमाया कि आज के दौर में हमने जो देखा, नशों का बोलबाला बड़ा है। चहुंओर नशों की बाढ़ आई हुई है। नशे को रोका जा सकता है। आमतौर पर डॉक्टर कैसे करते हैं? नशा छुड़ाने के लिए मेडिसन देते हैं, उसमें भी नशा होता है। अब धीरे-धीरे मेडिसन की डोज जो है वो कम कर देते हैं या उसकी पावर कम कर देते हैं, फिर धीरे-धीरे नशा छुड़ाया जाता है। तो कई बार कई लोगों ने हमसे पूछा कि गुरू जी आपने छह करोड़ लोगों का नशा छुड़ा रखा है, आप कैसे छुड़ाते हो? तो हम भी डोज देते हैं, पर ये वाली डोज थोड़ी ज्यादा बड़ी है। ये डोज है ओउम, हरि, अल्लाह, वाहेगुरू, राम के नाम की।
जब ये डोज नशा करने वाला ले लेता है तो बाकी नशे तो बहुत कम दर्जे के हैं। हमारे हिन्दू धर्म में फरमाया है संत, पीर-फकीरों ने कि दुनियावी नशे पोस्त, भांग, अफीम, मद, शराब जितने भी नशे हैं, ये राम-नाम के नशे के सामने तुच्छ हैं यानि गंदगी के समान हैं। दुनियावीं नशा बर्बाद करता है और राम-नाम का नशा आबाद करता है। दुनियावीं नशा शरीर का सत्यानाश करता है और राम-नाम का नशा शरीर को फौलाद बना देता है। दुनियावीं नशा घर-परिवार को नरक बना देता है और राम-नाम का नशा घर परिवार को स्वर्ग से बढ़कर खुशियां दिलाता है। दुनियावीं नशा समाज में बेइज्जती करवाता है जगह-जगह, पीने वाले की। और राम-नाम का नशा हर जगह से इज्जत और सत्कार दिलवाता है।
तो जब वो राम-नाम का नशा इन्सान ले लेता है, उसका जाप करता है तो अपने आप ही उसकी इज्जत समाज में बढ़ती है, घर में बढ़ती है और सबसे बड़ी बात, कोई मानो चाहे ना मानो, दुनियावीं नशा करने वाला हमेशा हीन भावना से ग्रस्त रहता है, वो अपनी निगाहों में गिरा रहता है और राम नाम का नशा करने वाला हमेशा अपनी निगाह में हौंसले बुलंद रखता है, आत्मबल बढ़ा रहता है और अपने सतगुरु अल्लाह, वाहेगुरू, राम से जुड़ा रहता है। तो इसलिए लोग यूं चुटकियों में नशा छोड़ जाते हैं। क्योंकि बड़ी डोज का नशा आ गया, राम-नाम का नशा। तो भाई, नशा ही करना है तो ओउम, हरि, अल्लाह, वाहेगुरू, गॉड, खुदा, रब्ब के नाम का नशा करो। हमेशा परमपिता परमात्मा को अंग-संग समझो, कभी भी उसको अपने से दूर ना समझो।
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