26 डायनासोर के नाम एल्फाबैटिकली 15 सेंकिड में और अंग्रेजी वर्णमाला के सभी एल्फाबेट्स साइन लैंगवेज में सिर्फ 4 सैकिंड में सुनाए
सरसा (सच कहूँ न्यूज)। कहावत है कि पूत के पांव पालने में ही दिख जाते हैं और इसी कहावत को चरितार्थ किया है नाथूसरी चौपटा वासी सात साल के गुरलीन कड़वासरा ने। सेंट एमएसजी गलोरियस इंटरनेशनल स्कूल में दूसरी कक्षा के छात्र गुरलीन ने इस छोटी सी उम्र में ही इंडिया बुक ऑफ रिकार्ड में दो-दो कीर्तिमान बनाकर सबको चौंका दिया है।
इस संबध में जानकारी देते हुए गुरलीन की माँ कविता बुडानिया ने बताया कि 26 डायनासोर के नाम एल्फाबैटिकली 15 सैकिंड में बताकर और सारी एबीसीडी साइन लैंगवेज में सिर्फ 4 सेकिंड में बताकर दूसरा रिकार्ड बनाया है। उन्होंने कहा कि गुरलीन को कुछ न कुछ नया सीखने की ललक रहती है। कविता ने आगे बताया कि गुरलीन ने इस तैयारी के लिए कोई कोचिंग नहीं ली बल्कि स्वयं इंटरनेट पर ही सब कुछ सर्च किया। गुरलीन को बचपन से ही कम्पूटर पर नई-नई प्रोग्रामिंग का शौक है।
गुरलीन के पिता सुशील कड़वासरा और माँ कविता बुडानिया ने कहा ये सब पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां के पावन आशीर्वाद से ही संभव हो पाया है। उन्होंने कहा कि पूज्य गुरु जी द्वारा बताई गई टैक्निकस से जहां बच्चों में पढ़ाई और कुछ नया सीखने को लेकर एकाग्रता बढ़ती है, वहीं साथ ही यादाश्त शक्ति भी तेज होती है। वर्णनीय है कि गुरलीन के पिता सुशील कड़वासरा सॉफ्टवेयर इंजीनियर हैं।
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