सरसा। क्या भजन है गुरा दे नाल अखियाँ लाइयां…यह भजन इतना शानदार है कि सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। इस भजन को सुनने से मन को शांति मिलती है। यह भजन आदरणीय गुरु संत डॉ. इसे रूहानी मजलिस में कविराज वीर ने गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां की पावन उपस्थिति में गाया है। आइए सुनते हैं यह भजन…
राम-नाम जपने के लिए है मनुष्य का जन्म: पूज्य गुरु जी
पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां फरमाते हैं कि जो इन्सान ओउ्म, हरि, अल्लाह, वाहेगुरू, राम के नाम का जाप करते हैं, वे दोनों जहानों में अमर हो जाते हैं, आवागमन से आजाद हो जाते हैं और निजधाम, सचखंड, सतलोक में पहुंच जाते हैं। आत्मा को अपने मालिक से बिछुड़े हुए सदियां गुजर गई हैं और इस दौरान आत्मा को बेइंतहा दु:ख उठाना पड़ा है।
इसलिए संत, पीर-फकीर जीवों को समझाने के लिए आते हैं कि मनुष्य शरीर में ही आत्मा अपने इस दु:ख को खत्म कर सकती है। मनुष्य शरीर में मालिक का नाम लेना चाहिए, भक्ति-इबादत करनी चाहिए। पूज्य गुरु जी फरमाते हैं कि राम का नाम सुखों की खान है। जो मालिक का नाम लेता है उसको नाम का फल मिलता है और जो मालिक की चर्चा सुनता है वह भी उसके फल का अधिकारी बनता है और वचनों पर अमल कर लेता है तो दोनों जहानों की खुशियां इस मृतलोक में प्राप्त कर सकता है।
लेकिन आज बड़ा ही घोर कलियुग है कि इन्सान राम का नाम लेता है परन्तु उसे लेने नहीं दिया जा रहा है। यह कोई नई बात भी नहीं है क्योंकि हमारे पवित्र धर्मों में, वेद-शास्त्रों में हर जगह लिखा हुआ है कि ऐसा घोर कलियुग आयेगा कि जब लोग बुराई, निंदा, बुरे कर्म किया करेंगे और तब लोग खामोश रहा करेंगे। उस समय अल्लाह, वाहेगुरू, राम का नाम लेना मुश्किल हो जायेगा परन्तु उस समय में जो थोड़ी देर भी राम का नाम लिया करेगा, दोनों जहानों की खुशियों से मालामाल भी जरूर हो जायेगा।
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