Gulabi Sundi Damages of Cotton Crop : ओढां, राजू। नरमे की फसल पर गुलाबी सुंडी ने दस्तक दे दी है। जिसके साथ ही धरतीपुत्रों की चिंता बढ़ गई है। ऐसे में किसान जहां महंगे कीटनाशकों के छिड़काव पर जोर दे रहे हैं तो वहीं कुछ जगहों पर तो किसान अपनी फसल पर हल चलाने को मजबूर हो रहे हैं। गुलाबी सुंडी फिलहाल नरमे की अगेती फसल में देखने को मिल रही है। किसानों का कहना है कि विगत वर्ष भी गुलाबी सुंडी ने उनकी कमर तोड़ दी थी। अब इस बार अभी से ही गुलाबी सुंडी का प्रकोप शुरू हो चुका है। इस बारे जब ओढां खंड के गांव जंडवाला जटान के कुछ खेतों वस्तुस्थिति देखी गई तो किसानों ने अगेती फसल के टिंडों में गुलाबी सुंडी का प्रकोप दिखाया। Gulabi Sundi
किसान बोले : विगत वर्ष भी गुलाबी सुंडी के कारण फसल हुई थी बर्बाद
किसान रेशम सिंह, गुरनाम सिंह, जोगिन्द्र सिंह, चानण सिंह, छविन्द्र सिंह, कुलवंत सिंह, प्रेम सिंह व बीकर सिंह ने बताया कि उनके खेतों में गुलाबी सुंडी का प्रकोप शुरू हो गया है। एक पौधे पर 4 से 5 टिंडों में सुंडी पाई जा रही है। उन्होंने कहा कि रोकथाम के लिए उन्होंने 1 से 2 बार कीटनाशकों का छिड़काव कर दिया, लेकिन उसके बाद भी कोई असर नहीं हुआ। ऐसे में मजबूरन उन्हें नरमे की फसल पर हल चलाना पड़ा है। ताकि कीटनाशकों पर खर्च करने की बजाय मूंग की फसल तो हो जाएगी। किसान रेशम सिंह ने बताया कि उसने 10 एकड़ में नरमा बोया था। जिसमें से 4 एकड़ नरमा सुंडी की चपेट में आने के चलते उन्हें मजबूरन हल चलाना पड़ा है।
नरमे के बीज में सुधार नहीं हो रहा
वहीं प्रेम कुमार ने 2 एकड़, बीकर सिंह ने 5 एकड़, बलजिन्द्र सिंह ने 2 एकड़, गुरमेल सिंह ने 2 एकड़ व छविन्द्र सिंह ने 1 एकड़ नरमे की फसल पर हल चलाया है। किसानों ने बताया कि एक तरफ तो सरकार किसानों के हितार्थ अनेक योजनाएं चलाने का राग अलाप रही है तो वहीं दूसरी तरफ स्थिति ये है कि नरमे के बीज में सुधार नहीं हो रहा। अगर बीज में सुधार हो जाए तो किसान की आर्थिक दशा अपने आप ही मजबूत हो जाएगी। उन्होंने कहा कि सुंडी का प्रकोप अभी से ही शुरू हो गया। अभी तो फसल को पूरी तरह से टिंडे भी नहीं लगे। अगर यही स्थिति रही तो किसानी घाटे का सौदा बनकर रह जाएगी। किसानों ने कहा कि किसी ने ठेके पर तो किसी ने हिस्से पर लेकर काश्त कर रखी है। ऐसे में सुंडी की मार उनकी आर्थिक दशा को कमजोर करके रख देगी। किसानों ने कहा कि जब वे कृषि विभाग के कर्मचारियों से संपर्क करते हैं तो कोई फोन नहीं उठाता। Gulabi Sundi
गुलाबी सुंडी बारे सूचना मिल रही है। किसान सबसे पहले तो अपने खेत में ये सुनिश्चित करें कि नरमे की फसल के पास बनछटियों का ढेर न हो। क्योंकि गुलाबी सुंडी अधखिले टिंडों में नरमे के बिनौलों एवं भंडारित बनछटियों में निवास करती है। बनछटियों से टिंडे एवं पत्ते झाड़कर नष्ट करें। सुंडी के नियंत्रण के लिए किसान प्रोफेनोफोस/क्यूराक्रॉन/सैलक्रॉन/केरिना 50 ईसी की 3 मि.ली. मात्रा प्रति लीटर पानी की दर से मिलाकर करें। अपनी फसल का हर रोज निरीक्षण अवश्य करते रहें। अपने खेतों में फेरोमोन ट्रैप लगाएं ताकि समय रहते सुंडी के प्रकोप बारे पता चल सके। आवश्यकता पडऩे पर कृषि विभाग के अधिकारी या कर्मचारी से सलाह लेकर ही छिड़काव करें। Gulabi Sundi
रामपाल रंगा, तकनीकी सहायक (कृषि विभाग डबवाली)