सूरत (एजेंसी)। गुजरात की पुरुष टेबल टेनिस टीम ने बुधवार को यहां 36वें राष्ट्रीय खेलों के फाइनल मुकाबले में दिल्ली के खिलाफ एक भी सेट गंवाए बिना स्वर्ण पदक जीत लिया। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि खिताब की दावेदार गुजरात की पुरुष टेबल टेनिस टीम ने यहां 36वें राष्ट्रीय खेलों के फाइनल मुकाबले में दिल्ली के खिलाफ एक भी सेट गंवाए बिना स्वर्ण पदक जीतकर अपने प्रशंसकों को जश्न मनाने का मौका दिया जबकि महिला वर्ग में पश्चिम बंगाल ने महाराष्ट्र को हराकर पहला स्थान हासिल किया।
सात साल बाद हो रहे राष्ट्रीय खेलों में ये पहले स्वर्ण पदक मैच थे। महाराष्ट्र और पश्चिम बंगाल ने सेमीफाइनल में हार के बाद पुरुषों के वर्ग कांस्य पदक जीते जबकि तमिलनाडु और तेलंगाना ने महिलाओं के वर्ग में कांस्य पदक जीता। पुरुषों के टूनार्मेंट में शीर्ष वरीयता प्राप्त गुजरात प्रतियोगिता की शुरूआत से ही शानदार फॉर्म में था और एकमात्र सवाल यह था कि क्या दिल्ली कम से कम जोरदार मुकाबला कर सकती है। घरेलू टीम का दबदबा इतना अधिक था कि उसने एक भी रबर नहीं गंवाया और पदक तालिका में अपने राज्य का खाता खोला।
ठक्कर ने शुरूआती सेट में सुधांशु ग्रोवर पर दबदबा बनाया
फाइनल में जाने के बाद गुजरात ने एकमात्र बदलाव यह किया कि मानव ठक्कर ने पहले एकल मैच में कप्तान हरमीत देसाई की जगह ली। ठक्कर ने शुरूआती सेट में सुधांशु ग्रोवर पर दबदबा बनाया। हालांकि दिल्ली के इस पैडलर ने अगले दो सेटों में जोरदार मुकाबला किया, लेकिन वह पूर्व जूनियर वर्ल्ड नंबर-1 से आगे निकल नहीं निकल सके और सीधे सेटों में 11-3, 13-11, 14-12 से हार गए। दिल्ली को उम्मीद थी कि पायस जैन सेमीफाइनल में अपना जौहर दोहरा सकते हैं लेकिन हरमीत देसाई उनके लिए बहुत मजबूत साबित हुए।
दिल्ली का खिलाड़ी चार मैच अंक बचाने में सफल रहा और उसने वापसी करने का दावा पेश किया लेकिन गुजरात के कप्तान पीछे हटने के मूड में नहीं थे और अपनी टीम को 2-0 की बढ़त दिलाने के लिए पहले दो एक्सटेंडेड प्वाइंट्स हासिल किए। इसके बाद मानुष शाह ने यशांश मलिक को हराकर गुजरात की जीत पक्की की। इस तरह पिछले संस्करण के रजत पदक विजेताओं को घरेलू मैदान पर पोडियम पर और ऊंचा चढ़ने का मौका मिला।
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