नई दिल्ली। शुगर या डायबिटीज एक ऐसी बीमारी है ‘‘जिस तन लागे, सो तन जाने…’’ यानि जिसको ये बीमारी लग जाती है, वो घुट-घुट कर मरता है, जिसकी जकड़ में आने के बाद मरीज न जीने का और न मरने का रह पाता है। इस बीमारी के लगने के बाद मरीजों का मनपसंद खाना तो छूट ही जाता है, साथ ही आए दिन नई-नई शारीरिक पीड़ा को भी सहना पड़ता है। ऐसा नहीं है कि इस बीमारी का इलाज नहीं है बल्कि आयुर्वेद में ऐसे ऐसे इलाज हैं, जिनको अपनाने से शुगर जैसी बीमारी से ठीक हुआ जा सकता है। ऐसी ही एक जड़ी बूटी है ‘गुड़मार’ या मधुनाशिनी जोकि शुगर मरीजों के लिए अमृत का काम करती है। Gudmar Benefits
‘गुड़मार’ का पौधा मध्य भारत, दक्षिण भारत और श्रीलंका में पाया जाता है। यह हरी बेल के रूप में होता है, जिसकी सिर्फ पत्तियां खा लेने से किसी भी मीठी चीज का स्वाद लगभग एक घंटे तक के लिए खत्म हो जाता है। इतना ही नहीं इसे खाने के बाद गुड़ या चीनी तक की मिठास खत्म हो जाती है। इसकी पत्तियां खाने में रेत के समान लगती हैं। दरअसल, ‘गुड़मार’ एक आयुर्वेदिक जड़ी-बूटी है, जिसे ‘मधुनाशिनी’ भी कहा जाता है।
‘गुड़मार’ शरीर में ब्लड शुगर लेवल नियंत्रित करता है
‘गुड़मार’ मधुमेह यानी डायबिटीज के इलाज के लिए रामबाण है। कहा जाता है कि ‘गुड़मार’ शरीर में ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित करके इंसुलिन उत्पादन बढ़ाने में मदद करता है। इसमें मौजूद जिम्नेमिक एसिड शरीर में ग्लूकोज के अवशोषण को कम करता है, जिससे ब्लड शुगर का स्तर नियंत्रित रहता है। साथ ही यह इंसुलिन हार्मोन के उत्पादन को बढ़ाने में मदद करता है, जिससे टाइप 2 डायबिटीज के मरीजों को फायदा होता है।
‘गुड़मार’ का पत्ता चबाने से मुंह में मीठे का स्वाद भी महसूस नहीं होता, जिससे मीठा खाने की लत भी कम हो जाती है। इसके साथ ही, यह वजन घटाने में भी मददगार होता है। यह मेटाबॉलिज्म को तेज करता है, जिससे शरीर से फैट (चर्बी) कम होता है। ‘गुड़मार’ को कोलेस्ट्रॉल और हृदय रोग से बचाव के लिए भी कारगर माना गया है। यह कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड्स को नियंत्रित करता है, जिससे हृदय रोग का खतरा कम होता है। गुड़मार का सेवन करने के लिए इसके पाउडर का भी इस्तेमाल किया जा सकता है। Gudmar Benefits