फॉर्म और टैक्स भरे जाएंगे ऑनलाइन
नई दिल्ली: गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (जीएसटी) को एक जुलाई से लागू करने के लिए सेंट्रल गवर्नमेंट भले अपनी पीठ थपथपा रही हो, लेकिन छोटे कारोबारी बेचैन हैं। उन्हें पहले से भी ज्यादा कागजी और कानूनी फॉर्मेलिटीज पूरी करनी होंगी। नए टैक्स सिस्टम के लागू होने के बाद न सिर्फ इंडस्ट्री, अकाउंटेंट्स बल्कि बैंकों का काम भी बढ़ जाएगा।
दरअसल, नए सिस्टम में छोटे कारोबारियों को 37 टैक्स रिटर्न भरने होंगे। जबकि अभी सालभर में सिर्फ 13 टैक्स रिटर्न भरने पड़ते हैं। उधर, इंडियन बैंक्स एसोसिएशन ने संसदीय पैनल को इन्फॉर्म किया है कि उसके मेंबर बैंक अभी भी GST अप्लाई करने के लिए तैयार नहीं हैं। नियम के मुताबिक, अब सभी तरह के फॉर्म और टैक्स ऑनलाइन भरे जाएंगे।
कानून को 1 जुलाई से लागू करने को लेकर प्रतिबद्ध
टीवी और अखबारों में आजकल ‘एक देश एक कर’ नाम का लोकलुभावन विज्ञापन दिखता है। यह विज्ञापन गुड्स एंड सर्विस टैक्स (जीएसटी) के बारे में है। 1 जुलाई, 2017 से लागू होने जा रही जीएसटी पर केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार भले ही अपनी पीठ थपथपा रही हो लेकिन छोटे कारोबारी इससे बेचैन हैं। उनके परेशान होने की वजह पहले से भी ज्यादा कागजी और कानूनी फॉरमलिटीज हैं।
दरअसल, जीएसटी लागू होने के बाद अब छोटे कारोबारियों को 37 टैक्स रिटर्न्स भरने होंगे। इंडस्ट्री के लिए बल्कि अकाउंटेंट्स और बैंकों के लिए अतिरिक्त काम बढ़ जाएगा। इंडियास्पेंड के एक विश्लेषण के मुताबिक यह बात सामने आई है। गौरतलब है कि केंद्र सरकार वस्तु एवं सेवा कर कानून को 1 जुलाई से लागू करने को लेकर प्रतिबद्ध है।
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