नई दिल्ली (सच कहूँ न्यूज)। देश में पहले से ही महंगाई चरम पर है। ऐसे में अब अस्पतालों में भी जीएसटी लग चुका है। जिससे आम आदमी को इलाज करवाना और महंगा हो गया है। दरअसल 28 से 29 जून को जीएसटी काउंसिल की 47वीं बैठक में कई क्षेत्रों के लिए जीएसटी दरों में संशोधन किया गया है और कई ऐसी चीजों को जीएसटी के दायरे में लाया गया है, जिसपर अबतक टैक्स नहीं लगता था। इसके चलते 18 जुलाई सोमवार से ही देश में कई सेवाएं और उपभोग की वस्तुएं महंगी हो गई हैं। इनमें अस्पताल का इलाज भी शामिल है। नए संशोधन के मुताबिक, अब मरीजों को निजी अस्पतालों में कमरों के लिए ज्यादा पैसे चुकाने होंगे।
दिल्ली एम्स में इलाज कराना हुआ महंगा
एम्स के प्राइवेट वार्ड में इलाज कराना अब और महंगा हो गया है। अब एम्स के प्राइवेट वार्ड में 5 % जीएसटी लागू करने का आदेश जारी किया गया है। अब मरीजों को रोजाना 300 रुपये अतिरिक्त देना होगा। बुधवार को एम्स प्रशासन की तरफ से आदिश जारी करते हुए उसे नोटिफाई कर दिया गया। अब 6 हजार रुपये वाले बेड पर 5% जीएसटी के बाद इसका किराया 300 रुपये बढ़कर 6300 हो गया है।
क्या है मामला
गौरतलब हैं कि एम्स के प्राइवेट वार्ड में 288 बेड की सुविधा है। एम्स प्रशासन ने मई में जारी आदेश में प्राइवेट वार्ड में बी श्रेणी के कमरे का शुल्क प्रतिदिन दो हजार रुपये बढ़कर तीन हजार रुपये और डीलक्स श्रेणी के कमरे का शुल्क प्रतिदिन तीन हजार रुपये बढ़ाकर छह हजार रुपये कर दिया था। जो अब एक बार फिर 5% जीएसटी जुड़कर लिया जाएगा।
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