GST On Petrol: पेट्रोल-डीजल पर लग सकता है जीएसटी, वित्तमंत्री सीतारमण का आया बड़ा बयान

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GST On Petrol: पेट्रोल-डीजल पर लग सकता है जीएसटी, वित्तमंत्री सीतारमण का आया बड़ा बयान

GST On Diesel and Petrol :नई दिल्ली (सच कहूँ न्यूज)। माल एवं सेवा कर (जीएसटी) परिषद ने व्यापारियों, एमएसएमई और करदाताओं को राहत देते हुये आज धोखाधड़ी, दमन या गलत बयानी से जुड़े मामलों सहित जीएसटी अधिनियम की धारा 73 के तहत जारी किए गए डिमांड नोटिस के लिए ब्याज और जुर्माना माफ करने की सिफारिश की है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में यहां हुयी जीएसटी परिषद की 53वीं बैठक में ये सिफारिश किये गये। बैठक के बाद श्रीमती सीतारमण ने संवाददाताओं से कहा, ‘53वीं जीएसटी परिषद की बैठक में व्यापार सुविधा, अनुपालन बोझ को कम करने और अनुपालन में आसानी के मामले में करदाताओं को राहत देने के लिए कई फैसले लिए गए हैं। इससे व्यापारियों, एमएसएमई और करदाताओं को लाभ होगा। आज जीएसटी परिषद ने धोखाधड़ी, दमन या गलत बयानी से जुड़े मामलों सहित जीएसटी अधिनियम की धारा 73 के तहत जारी किए गए डिमांड नोटिस के लिए ब्याज और जुमार्ना माफ करने की सिफारिश की है। उन सभी नोटिसों के लिए जो वित्तीय वर्ष 2017-18, 2018-19 और 2019-20 के लिए धारा 73 के तहत जारी किए गए थे, परिषद ने उन डिमांड नोटिस पर ब्याज और जुमार्ना माफ करने की सिफारिश की है लेकिन इसके लिए 31 मार्च 2025 तक भुगतान करना होगा। GST On Petrol

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उन्होंने कहा कि वित्त वर्ष 17-18, 18-19, 19-20 और 20-21 के लिए 30-11-2021 तक दायर सीजीएसटी अधिनियम की धारा 16(4) के तहत किसी भी चालान या डेबिट नोट के संबंध में इनपुट टैक्स क्रेडिट का लाभ उठाने की समय सीमा 2011 से 2021 मानी जा सकती है। इसलिए 1 जुलाई 2017 से पूर्ववर्ती रूप से समान आवश्यक संशोधन के लिए, परिषद ने एक सिफारिश की है। GST On Petrol

श्रीमती सीतारमण ने कहा, ‘सरकारी मुकदमेबाजी को कम करने के लिए परिषद ने विभाग द्वारा अपील दायर करने के लिए जीएसटी अपीलीय न्यायाधिकरण के लिए 20 लाख रुपये, उच्च न्यायालय के लिए 1 करोड़ रुपये और सर्वोच्च न्यायालय के लिए 2 करोड़ रुपये की मौद्रिक सीमा की सिफारिश की है। परिषद ने यह भी सिफारिश की है कि अपीलीय प्राधिकारी के समक्ष अपील दायर करने के लिए पूर्व-जमा की अधिकतम राशि 25 करोड़ रुपये सीजीएसटी और 25 करोड़ एसजीएसटी से घटाकर 20 करोड़ रुपये सीजीएसटी और 20 एसजीएसटी कर दी जाएगी और यह अपीलीय प्राधिकारी के समक्ष अपील दायर करने के लिए पूर्व-जमा की अधिकतम राशि है।

परिषद ने यह भी निर्णय लिया है और सिफारिश की है कि सीजीएसटी अधिनियम के प्रावधानों में संशोधन करके यह प्रावधान किया जाए कि जीएसटी अपीलीय न्यायाधिकरण में अपील दायर करने की तीन महीने की अवधि उस दिन से शुरू होगी जिसे सरकार द्वारा अधिसूचित किया जाएगा। इसलिए न्यायाधिकरण के अध्यक्ष ने पदभार ग्रहण कर लिया है और करदाताओं द्वारा अपील की गई कर फाइलिंग की उक्त अवधि 5 अगस्त 2024 को समाप्त हो जाएगी। वित्त मंत्री ने कहा कि छोटे करदाताओं की मदद के लिए परिषद ने जीएसटीआर 4 फॉर्म में विवरण और रिटर्न प्रस्तुत करने की समय सीमा 30 अप्रैल से बढ़ाकर 30 जून करने का निर्णय लिया है। यह वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए रिटर्न के लिए लागू होगा। वहीं बैठक के बाद ये भी सामने आया है कि, केंद्र सरकार पेट्रोल और डीजल को जीएसटी के दायरे में लाने के पक्ष में है और हालांकि इसके लिए कहा गया है कि राज्य मिलकर जीएसटी की दर तय करें।

तो क्या सस्ता हो जाएगा पेट्रोल और डीजल | GST On Petrol

अब सवाल है कि अगर सरकार पेट्रोल और डीजल पर GST लगा देती है तो क्या इसकी कीमत कम हो जाएगी? तो इसका जवाब है हां। हालांकि ऐसा पहली बार नहीं है जब सरकार ने पेट्रोल और डीजल को GST के दायरे में लाने की बात कही है। इससे पहले भी सरकार की तरफ से ऐसी बातें सामने आती रही हैं। GST लगने के बाद आपको पेट्रोल पर प्रति लीटर 18.65 रुपये का फायदा होगा।

सौर कुकर पर 12 प्रतिशत जीएसटी

माल एवं सेवा कर (जीएसटी) परिषद ने सौर कुकरों पर 12 प्रतिशत जीएसटी लगाने के निर्णय के साथ ही रेलवे की सेवाओं के साथ ही कई अन्य सेवाओं पर जीएसटी से राहत देने की सिफारिश की है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में परिषद की यहां हुयी 53वीं बैठक में ये निर्णय लिये गये। बैठक के बाद श्रीमती सीतारमण ने संवादाताओं से कहा कि सभी सौर कुकरों पर 12 प्रतिशत जीएसटी लगाने का निर्णय लिया गया है।

परिषद ने सभी दूध के डिब्बों पर 12 प्रतिशत की एक समान दर निर्धारित करने की सिफारिश की है, जिसका अर्थ है स्टील, लोहा, एल्युमीनियम, चाहे किसी भी उपयोग में हो। उन्हें दूध के डिब्बे कहा जाता है, लेकिन जहाँ भी उनका उपयोग किया जाता है, वही दर लागू होगी, ताकि इससे कोई विवाद उत्पन्न न हो। परिषद ने सभी कार्टन बॉक्स और पेपर बोर्ड के मामलों पर 12 प्रतिशत की एक समान जीएसटी दर निर्धारित करने की भी सिफारिश की है। इससे विशेष रूप से हिमाचल प्रदेश, जम्मू और कश्मीर के सेब उत्पादकों को मदद मिलेगी। परिषद ने यह भी स्पष्ट किया और सिफारिश की कि स्पष्टीकरण दिया जाना चाहिए कि फायर वाटर स्प्रिंकलर सहित सभी प्रकार के स्प्रिंकलर पर 12 प्रतिशत जीएसटी लगेगा।