मन की बात कार्यक्रम में किया संबोधित
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को 34वीं बार ‘मन की बात’ कार्यक्रम के जरिये देशवासियों को संबोधित करते हुए कई मुद्दों पर अपने विचार साझे किए। मोदी ने बाढ़, मॉनसून, जीएसटी, स्वतंत्रता दिवस, अगस्त क्रांति, महिला क्रिकेट जैसे मुद्दों पर चर्चा की।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) लागू होने के करीब एक महीने बाद कहा कि जीएसटी ने अर्थव्यवस्था को बदल दिया है और यह सहयोगात्मक संघवाद का एक उदाहरण है जहां नई परोक्ष कर प्रणाली से जुड़े सभी फैसलों में राज्य साझेदार हैं। मोदी ने कहा कि इतने देश में इतने बड़े मानदंड पर इतना बड़ा परिवर्तन और इतने करोड़ों लोगों की सहभागिता के साथ इतने विशाल देश में उसे लागू करना और सफलतापूर्वक आगे बढ़ना, ए अपने-आप में सफलता की एक बहुत बड़ी उँचाई है। यह दुनियाभर में विश्वविद्यालयों के लिए केस स्टडी बन सकती है। जीएसटी को एक कर सुधार से भी अधिक बताते हुए उन्होंने कहा कि यह नई संस्कृति लाने वाला है।
रेडियो कार्यक्रम दौरान मोदी ने देश के विभिन्न हिस्सों में बाढ़ के हालात जैसे अन्य कई विषयों की भी बात की और स्वतंत्रता दिवस से पहले देश के स्वतंत्रता आंदोलन का भी उल्लेख किया। आधे घंटे के प्रसारण में प्रधानमंत्री ने त्योहारों के समय देश के गरीब लोगों द्वारा बनाई जाने वाली पर्यावरण अनुकूल सामग्री के इस्तेमाल पर भी जोर दिया। उन्होंने गत दिनों महिला विश्व कप में भारतीय क्रिकेट टीम के प्रदर्शन की भी तारीफ की।
स्वतंत्रता दिवस पर छोटा होगा पीएम का भाषण
स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले की प्राचीर से इस बार प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का राष्ट्र के नाम संबोधन थोड़ा छोटा रहेगा। मोदी ने मन की बात कार्यक्रम में खुद इस बात की घोषणा की। उन्होंने कहा कि उन्हें लगातार यह शिकायत मिल रही थी कि स्वतंत्रता दिवस पर उनका भाषण बहुत लंबा हो जाता है इसलिए उन्होंने तय किया है कि इस बार वह अपने भाषण को छोटा रखेंगे।
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