कालेधन के सृजन पर रोक लगने की उम्मीद
नयी दिल्ली: राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी के आज आधी रात को आजाद भारत के इतिहास के सबसे बड़े कर सुधार ‘वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी)’ को लागू करने की घोषणा करने के साथ ही ‘एक राष्ट्र-एक कर-एक बाजार’ की परिकल्पना साकार हो गयी,
संसद के केन्द्रीय कक्ष में आयोजित समारोह में श्री मुखर्जी ने उप राष्ट्रपति हामिद अंसारी, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन, पूर्व प्रधानमंत्री एच.डी. देवेगौडा तथा वित्त मंत्री अरुण जेटली की मौजूदगी में देश में एक जुलाई से जीएसटी लागू करने का ऐलान किया।
जीएसटी में 17 तरह के अप्रत्यक्ष करों और 23 उपकरो को समाहित किया गया है जिससे पूरे देश में माल का आवागमन सुगम होने के साथ ही एक वस्तु पर एक ही का मार्ग प्रशस्त हो गया है। इससे कालेधन के सृजन पर रोक लगने की उम्मीद है।
ऐतिहासिक जीएसटी लागू, पूूूरा देश बना एक बाजार
राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ एेतिहासिक कर सुधार वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) को बटन दबाकर देश में लागू करते हुये सभी देशवासियों से इसे सफलतापूर्वक लागू करने में सहयोग की अपील करते हुये आज रात कहा कि भारत को एकीकृत समान राष्ट्रीय बाजार बनाकर आर्थिक क्षमता, कर अनुपालन और घरेलू एवं विदेशी निवेश को गति देने में जीएसटी की महती भूमिका होगी।
राष्ट्रपति ने संसद के केन्द्रीय कक्ष में मध्य रात्रि में आयोजित कार्यक्रम में ‘एक राष्ट्र, एक कर और एक बाजार’ की अवधारणा पर आधारित जीएसटी को क्रियान्वित करने में देश के वित्त मंत्री के रूप में किये गये अपने प्रयासों का उल्लेख करते हुये कहा कि जीएसटी का लागू होना उनके लिए व्यक्तिगत संतोष की बात होने के साथ ही ऐतिहासिक अवसर भी है।
वित्त मंत्री के रूप में उन्होंने 22 मार्च 2011 को जीएसटी के लिए संविधान संशोधन विधेयक पेश किया था।
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