सरसा (सच कहूँ न्यूज)। वे जीव बहुत ही भागों वाले होते हैं, जो सतगुरु से सच्ची प्रीत लगाकर उसे अंतिम समय तक पूरे दृढ़ विश्वास के साथ निभाते हैं। ऐसी ही महान शख्सियत थी, गुरु सत् मस्त ब्रह्मचारी (जीएसएम) सेवादार बहन राजरानी इन्सां (63), जो कि रविवार को अपनी स्वासों रूपी पूंजी पूरी कर कुल मालिक के चरण कमलों में सचखंड जा बिराजे। जीएसएम बहन राजरानी इन्सां अपने आखिरी समय तक सच्चे रूहानी रहबर पूज्य गुरु संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां पर दृढ़ विश्वास के साथ-साथ मानवता भलाई व राम-नाम के सिमरन में लगे रहे। Sirsa News
उनके भाई केवल खान इन्सां ने बताया कि राजरानी इन्सां का जन्म 2 अक्तूबर 1961 को गाँव मौहलां जिला श्री मुक्तसर साहिब (पंजाब) में माता माया देवी व पिता कर्मचंद जी के घर हुआ। वे पाँच भाइयों की इकलौती बहन थीं। उनके माता-पिता ने डेरा सच्चा सौदा के संस्थापक पूजनीय बेपरवाह साईं शाह मस्ताना जी महाराज से गुरुमंत्र की अनमोल दात प्राप्त की थी। इसके चलते बचपन से ही उन्हें सतगुरु जी की असीम कृपा और अटूट विश्वास वाला माहौल मिला था। इसके साथ ही वे पढ़ाई में भी बहुत ही होनहार थीं।
पूजनीय परमपिता शाह सतनाम जी महाराज से गुरुमंत्र की अनमोल दात प्राप्त की
सतगुरु जी की दया-मेहर रहमत से सन् 1975 में उन्होंने पूजनीय परमपिता शाह सतनाम जी महाराज से गुरुमंत्र की अनमोल दात प्राप्त की। स्कूली शिक्षा के पश्चात मलोट के डीएवी कॉलेज से उन्होंने बीए की परीक्षा पास की। वे मानवता की सेवा और सुमिरन में हमेशा निरंतर तल्लीन रहती। प्रभु भक्ति में उनकी सच्ची लग्न के चलते उन पर सतगुरु जी की असीम कृपा रही और सन् 1995 में उन्होंने डेरा सच्चा सौदा दरबार में जीएसएम के तौर पर सेवा शुरू की। जीएसएम बनने के बाद राजरानी इन्सां की ड्यूटी शाह सतनाम जी गर्ल्ज स्कूल में पंजाबी अध्यापिका के रूप में लगी। उन्होंने बाखूबी अपनी सेवा निभाई।
दिनांक 12 जनवरी 2025 को वे अपनी स्वांसों रूपी पूंजी पूर्ण कर सतगुरु से ओड़ निभाकर कुल मालिक के चरणों में सचखंड जा विराजी। कशिश रेस्टोरेंट के पास स्थित शमशान घाट में उनका अंतिम संस्कार किया गया। उनकी अंतिम यात्रा में डेरा सच्चा सौदा की मैनेजमेंट कमेटी, जीएसएम भाई-बहनें, राज्यों के 85 मैंबरों सहित साध-संगत शामिल हुई। बता दें कि राजरानी इन्सां के बड़े भाई केवल खान इन्सां और भतीजा अविनाश इन्सां भी दरबार में सेवा कर रहे हैं। इसके साथ ही उनके भाई वेदप्रकाश इन्सां, हरमेश लाल इन्सां, अमर लाल इन्सां और हर कृष्ण इन्सां सहित पूरा परिवार सतगुरु पर दृढ़ विश्वास रखते हुए मानव की सेवा में हमेशा अग्रसर रहता है। Sirsa News
जीएसएम राजरानी इन्सां जैसे अपने गुरुमुख जीवों के बारे सच्चे रूहानी रहबर पूज्य हजूर पिता संत डॉ. गुरमीत राम रहीम सिंह जी इन्सां अपने एक भजन में फरमाते हैं:-
दास कहे वडभागी जीव जो गुरु से ओड़ निभाएं जी।
धन-धन कहें उन सबको शब्द न और मिल पाएं जी।
सतगुरु गोद सजा के,
चल दिए ओड़ निभाके सतगुरु के प्यारे।।
ठंड और रिमझिम वर्षा पर भारी पड़ी श्रद्धा! सलाबतपुरा में नामचर्चा सत्संग भंडारे पर उमड़ा ‘पंजाब’