नई दिल्ली। भारतीय स्टेट बैंक ( एसबीआई) (SBI) ने मार्च में समाप्त चौथी तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद(जीडीपी) वृद्धि दर के तीन फीसद से भी कम और वित्त वर्ष 2021-22 में इसके 8.2 प्रतिशत से 8.5 प्रतिशत के बीच रहने का अनुमान जताया है। एसबीआई के ग्रुप मुख्य अर्थशास्त्री सौम्य कांति घोष ने आज जारी अपनी रिपोर्ट में कहा है कि मार्च में समाप्त हुयी चौथी तिमाही में जीडीपी के 2.7 प्रतिशत की दर से बढ़ने का अनुमान है।
उन्होंने अपनी रिपोर्ट में लिखा है कि मार्च में समाप्त वित्त वर्ष में इसके 8.5 प्रतिशत पर और चौथी तिमाही में इसके 2.7 प्रतिशत पर रहने का अनुमान है। हालांकि उन्होंने कहा कि चौथी तिमाही में विकास को लेकर बहुत अनिश्चितता रही है। उन्होंने उदाहरण देते हुये कहा कि वित्त वर्ष 2021-22 की पहली तिमाही में विकास अनुमान को 20.3 प्रतिशत से एक फीसदी कम किये जाने के बावजूद यदि अन्य सभी वस्तुयें अपरिवर्तित रहती है तो भी चौथी तिमाही में यह 3.8 प्रतिशत पर रह सकती है।
राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय 31 मई को मार्च में समाप्त चौथी तिमाही और वित्त वर्ष 2021-22 के जीडीपी के आंकड़े जारी करने वाला है। एनएसओ ने इस वर्ष फरवरी में जारी अपने दूसरे अग्रिम अनुमान में जीडीपी वृद्धि दर के 8.9 प्रतिशत पर रहने की बात कही थी। एसबीआई ने चौथी तिमाही में कोरोना के ओमीक्रॉन वेरियंट और फरवरी से जारी भू राजनैतिक संकट के कारण विकास अनुमान में कमी की है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि दूसरी तिमाही में आर्थिक गतिविधियों में तेजी आयी थी लेकिन तीसरी तिमाही में इसमें नरमी आयी और चौथी तिमाही में यह ओमीक्रॉन से पूरी तरह प्रभावित हुयी। ओमीक्रॉन से अर्थव्यवस्था निकल ही रही थी फरवरी में रूस यूक्रेन जंग से नयी चुनौतियां उत्पन्न हो गयी।
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