कोरोना के बाद गीता महोत्सव में लौटी रौनक, सरस मेले की सबसे सुंदर शुरूआत

अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव का भव्य शुभारंभ

  • ढोल-नंगाड़ो, शिल्पकारों और कलाकारों का दिखा अद्भुत संगम
  • मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने स्वयं कलाकारों से की मुलाकात
  • 29 नवंबर को होगा राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू का आगमन

कुरुक्षेत्र। (सच कहूँ/देवीलाल बारना) मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने शनिवार को मंत्रोच्चारण के बीच कुरुक्षेत्र में सरस मेले के उद्घाटन के साथ अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव का भव्य शुभारंभ किया। इस अवसर पर बोलते हुए मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि यह हम सभी के लिए ऐतिहासिक अवसर है। आज से पहले सरस मेले की इतनी सुंदर और भव्य शुरूआत कभी नहीं हुई। ढोल-नंगाड़ों, शिल्पकारों और कलाकारों के अद्भुत संगम के बीच हरियाणा के मुख्यमंत्री ने स्वयं कलाकारों और शिल्पकारों से मुलाकात की। कार्यक्रम में पहुंचकर मुख्यमंत्री ने सर्वप्रथम विधिवत रूप से सरस मेले का उद्घाटन किया। इसके बाद उन्होंने श्रीमद्भगवद्गीता की प्रति पर पुष्प अर्पित किए और दीप प्रज्जवलित कर अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव का आगाज किया। इसके पश्चात मुख्यमंत्री ने ब्रह्मसरोवर के तट पर बनी दुकानों में लगे सरस मेले का अवलोकन किया। इस दौरान उन्होंने ढोल-नंगाड़ा पार्टी, करतब दिखा रहे कलाकार, नृत्य कर रहे कलाकार और बीन पार्टी से बातचीत की। उन्होंने सभी को इस पावन अवसर पर पहुंचने पर हार्दिक बधाई दी। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि 29 नवंबर को अंतरराष्ट्रीय गीता जयंती महोत्सव के मुख्य कार्यक्रम में भारत की राष्ट्रपति श्रीमती द्रोपदी मुर्मू पहुंच रही हैं।

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गीता का संदेश जितना पहले उपयोगी था, उतना आज भी

मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि आज अंतरराष्ट्रीय गीता जयंती महोत्सव के शुभारंभ का ऐतिहासिक अवसर है। हजारों साल पहले कुरुक्षेत्र की भूमि पर भगवान श्री कृष्ण ने अर्जुन को गीता का ज्ञान दिया था। यह गीता ज्ञान उस वक्त जितना उपयोगी था, आज भी उतना ही उपयोगी है। उन्होंने कहा कि कुरुक्षेत्र भी उस वक्त जितना उपयोगी था, आज भी उतना ही उपयोगी है। गीता का यह संदेश युगों-युगों तक याद रखा जाएगा।

25 देशों से आएंगे विदेशी सैलानी

मुख्यमंत्री ने कहा कि देश और विदेश से लोग अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव में पहुंचेंगे। कोरोना के बाद रोनक लौटी है। इस बार भी लाखों की संख्या में लोग पहुंचेंगे। इसके साथ-साथ विभिन्न प्रांतों से कलाकार, शिल्पकार, कारीगर व सामान बेचने वाले स्वयं सहायता समूह महोत्सव में पहुंचे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस बार हरियाणा के हैंडीक्राफ्ट बनाने वालों के लिए अलग स्टॉल की व्यवस्था की गई है, जो विदेशी सैलानियो को आकर्षित करती है। इससे स्थानीय लोगों को रोजगार मिलता है और लोगों को हमारी संस्कृति जानने का अवसर भी मिलता है। महोत्सव देखने के लिए 25 देशों से विदेशी सैलानियों के आने की उम्मीद है।

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