राज्यपाल दत्तात्रेय ने श्रीकृष्ण आयुष विश्वविद्यालय के निर्मित आडोटोरियम हॉल का किया शुभारंभ

Kurukshetra News
Kurukshetra News: डिग्री भेंट करते हुए राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय

प्राचीन आयुर्वेद पद्घति की आज पूरे विश्व के स्वास्थ्य जगत में है मांग: बंडारु दत्तात्रेय

  • पदम भूषण वैद्य देवेन्द्र त्रिगुणा को डॉक्टर ऑफ लिटरेचर की मानद उपाधि से नवाजा

कुरुक्षेत्र (सच कहूँ/देवीलाल बारना)। Governor Bandaru Dattatreya: हरियाणा के राज्यपाल बंडारु दत्तात्रेय ने कहा कि श्रीकृष्ण आयुष विश्वविद्यालय के पहले दीक्षांत समारोह से डिग्री हासिल करने वाले चिकित्सक अब पूरे विश्व में भारत की प्राचीन आयुर्वेद पद्घति को पहुंचाएंगे। इस प्राचीन आयुर्वेद पद्घति की आज पूरे विश्व के स्वास्थ्य जगत में मांग है। इतना ही नहीं आने वाले समय में आयुर्वेद के क्षेत्र में आपार संभावनाएं है। राज्यपाल बंडारु दत्तात्रेय शुक्रवार को श्रीकृष्ण आयुष विश्वविद्यालय कुरुक्षेत्र में आयोजित प्रथम दीक्षांत समारोह में बोल रहे थे। Kurukshetra News

इससे पहले राज्यपाल दत्तात्रेय ने विश्वविद्यालय के 9 करोड़ 50 लाख की लागत से निर्मित आडोटोरियम हॉल का शुभारंभ किया। इसके उपरांत राज्यपाल बंडारु दत्तात्रेय, आयुष विभाग भारत सरकार के सचिव पदम श्री वैद्य राजेश कोटेचा, शासी निकाय राष्टÑीय आयुर्वेद विद्यापीठ नई दिल्ली के अध्यक्ष पदम भूषण वैद्य देवेन्द्र त्रिगुणा, श्रीकृष्ण आयुष विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर वैद्य करतार सिंह धीमान ने दीप शिखा प्रज्जवलित करके विधिवत रूप से प्रथम दीक्षांत समारोह का शुभारंभ किया।

126 विद्यार्थियों को दी डिग्रियां, 26 डिग्री धारकों को स्वर्ण पदक का सम्मान

दीक्षांत समारोह में राज्यपाल बंडारु दत्तात्रेय की उपस्थिति में 126 विद्यार्थियों को स्नातक व स्नातकोत्तर की डिग्री देकर सम्मानित किया, इनमें से 26 उपाधि धारकों को स्वर्ण पदक से भी सम्मानित किया है। दीक्षांत समारोह में शासी निकाय राष्ट्रीय आयुर्वेद विद्यापीठ नई दिल्ली के अध्यक्ष एवं गोल्ड पदम भूषण वैद्य देवेन्द्र त्रिगुणा को डॉक्टर आॅफ लिटरेचर की मानद उपाधि से नवाजा गया। इस दौरान राज्यपाल ने विश्वविद्यालय के प्रथम दीक्षांत समारोह की स्मारिका का विमोचन किया।

भगवान धन्वंतरी आयुर्वेद के जनक | Kurukshetra News

राज्यपाल बंडारु दत्तात्रेय ने कहा कि भगवान धन्वंतरी आयुर्वेद के जनक है। वे हिंदू धर्म में चिकित्सा के देवता और आयुर्वेद के प्रवर्तक बताए गए हैं। उन्होंने कहा कि चिकित्सा पद्धतियों में आयुर्वेद का महत्वपूर्ण स्थान है। प्राचीन काल में इसी पद्धति द्वारा ईलाज किया जाता था, लेकिन विज्ञान के विकास और चिकित्सा पद्धतियों में हुए अनुसंधान से आयुर्वेद का प्रचलन कम हो गया। पूर्व में इसकी तरफ ध्यान नहीं दिया गया। जब से केन्द्र में पीएम नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में सरकार का गठन हुआ है, तब से इस प्राचीन चिकित्सा पद्धति को महत्व मिलना शुरू हुआ है।

प्रधानमंत्री ने आयुर्वेद पद्धति को आगे बढ़ाया: कोटेचा

पदमश्री वैद्य राजेश कोटेचा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आयुर्वेद पद्घति को आगे बढ़ाने का काम किया। जिसके चलते वर्ष 2014 के बाद देश में 10वां विश्वविद्यालय स्थापित किया गया है। इस आयुर्वेद के क्षेत्र में आपार संभावनाएं है, इस दीक्षांत समारोह में मेडल व डिग्री हासिल करने वाले अधिकतर विद्यार्थियों को सरकारी नौकरियां मिल चुकी है। सरकार के आयुष पोर्टल पर 43 हजार से ज्यादा पब्लिकेशन देखे जा सकते है।

आज विश्व में 50 प्रतिशत लोग आयुर्वेदिक पद्घति से इलाज करवाने में विश्वास रखते है। पदम भूषण वैद्य देवेन्द्र त्रिगुणा ने कहा कि डिग्री हासिल करने वाले चिकित्सकों को अब समाज में जाकर शुद्घ रूप से आयुर्वेद पद्घति से लोगों का इलाज करना चाहिए। इस पद्घति का फायदा कोरोना काल में लोगों को देखने को मिला है।

ये रहे मौजूद | Kurukshetra News

इस मौके पर श्रीकृष्ण आयुष विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर वैद्य करतार सिंह धीमान, कुलसचिव प्रोफेसर विजेन्द्र सिंह तोमर, परीक्षा नियंत्रक डॉ. रणधीर सिंह, भाजपा के जिला अध्यक्ष तजेन्द्र सिंह गोल्डी, जिप चेयरमैन कंवलजीत कौर, नप थानेसर चेयरमैन माफी ढांडा, चेयरमैन मदन मोहन छाबडा, निदेशक डॉ. प्रीतम सिंह आदि शिक्षक व अधिकारीगण मौजूद रहे।

यह भी पढ़ें:– Right to Service Act: राइट टू सर्विस एक्ट के तहत नायब तहसीलदार पर लगाया जुर्माना