जिला के सीनियर अधिकारियों को एक-एक संस्कृति स्कूल गोद लेने की अपील
चंडीगढ़ (अनिल कक्कड़)। हरियाणा में विद्यार्थियों को गुणवत्तापरक शिक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से बनाए गए मॉडल संस्कृति सीनियर सेकेंडरी स्कूलों में अब परिवार पहचान पत्र के अन्तर्गत सत्यापित अति गरीब परिवारों के बच्चों को मुफ्त शिक्षा मिलेगी। यह निर्णय आज यहां मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में हुई मॉडल संस्कृति स्कूल की प्रगति की समीक्षा बैठक में लिया गया। बैठक में शिक्षा मंत्री कंवर पाल भी उपस्थित थे। मुख्यमंत्री ने इन स्कूलों की निरंतर प्रगति के लिए वरिष्ठ अधिकारियों को फील्ड में जाकर स्कूलों का दौरा करने और हर माह इन स्कूलों की समीक्षा करने के भी निर्देश दिए।
गांवों, शहरों की तरह स्कूलों को भी गोद लेने की प्रक्रिया
उन्होंने कहा कि जिलों के वरिष्ठ अधिकारी जैसे एसडीएम, डीडीपीओ, तहसीलदार एक-एक मॉडल संस्कृति स्कूल को गोद लें, इस दिशा में भी प्रयास किए जाएं। मनोहर लाल ने शिक्षा विभाग द्वारा मॉडल संस्कृति स्कूल स्थापित करने की दिशा में किए गए कार्यों पर संतोष व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि इन स्कूलों की प्रगति को देखते हुए स्कूलों की संख्या बढ़ाने की मांग आने लगी है इसलिए अधिकारी व्यवहार्यता देखते हुए स्कूलों की संख्या बढ़ाने की दिशा में कार्य करें। मुख्यमंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में निहित है कि राष्ट्रीय और स्थानीय भाषाओं में शिक्षा को अधिक महत्त्व दिया जाए इसलिए इन मॉडल संस्कृति स्कूलों में अंग्रेजी माध्यम के साथ-साथ हिंदी माध्यम में भी शिक्षा ग्रहण करने का विकल्प विद्यार्थियों को दिया जाए। उन्होंने कहा कि शिक्षा की गुणवत्ता पर सदैव ध्यान दिया जाए और इसमें निरंतर सुधार किया जाना चाहिए।
अध्यापकों की नियुक्ति के लिए भी एक स्टैंडर्डाइज टेस्ट होगा
बैठक में माध्यमिक शिक्षा के निदेशक एवं स्कूल शिक्षा विभाग के विशेष सचिव जे. गणेशन ने जानकारी दी कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल के बजट भाषण के दौरान राज्य के प्रत्येक खण्ड में सरकारी मॉडल संस्कृति सीनियर सेकेंडरी स्कूल और सरकारी मॉडल संस्कृति प्राथमिक स्कूल खोलने की घोषणा की गई थी ताकि विद्यार्थियों को निजी स्कूलों के समान गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान की जा सके। वर्तमान में, राज्य में 137 सरकारी मॉडल संस्कृति सीनियर सेकेंडरी स्कूल हैं और 1418 मॉडल संस्कृति प्राथमिक स्कूल चल रहे हैं। उन्होंने बताया कि मॉडल संस्कृति सीनियर सेकेंडरी स्कूलों में बच्चों की संख्या 27.90 प्रतिशत और मॉडल संस्कृति प्राथमिक स्कूलों में 16.73 प्रतिशत बढ़ी है। जे. गणेशन ने बताया कि मॉडल संस्कृति सीनियर सेकेंडरी स्कूलों में अध्यापकों की नियुक्ति करने के लिए एक स्टैंडर्डाइज टेस्ट लिया जाएगा।
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