हर जिले में जिला मेडिकल बोर्ड गठित करेगी सरकार
- बोर्ड में की जा सकेंगी सरकारी व निजी अस्पतालों की शिकायत
चंडीगढ़ (अश्वनी चावला)। बड़े स्तर पर निजी अस्पतालों द्वारा ज्यादा फीस बटोरने अथवा फिर मरीज का सही ढंग से उपचार नहीं करने संबंधी आ रही शिकायतों को देखते हुए पंजाब व हरियाणा सरकार ने एक ही समय दौरान नोटीफिकेशन जारी कर दोनों राज्य सरकारों ने अपने-अपने राज्य में जिला मेडिकल बोर्ड गठित करने का फैसला लिया है, जिसमें कोई भी आम व्यक्ति निजी अथवा सरकारी अस्पताल के खिलाफ शिकायत करके जांच करवा सकेगा।
जनता को मिलेगी राहत
पंजाब व हरियाणा सरकार से इस फैसले के बाद उन आम लोगों को बड़ी राहत मिलेगी, जो हमेशा ही यह शिकायत करते थे कि वह अस्पताल में लूट का शिकार हुए हैं और उनके परिवारिक सदस्य को अपनी जान से भी हाथ धोना पड़ा है।
सख्ती से निपटेगी सरकार
जानकारी अनुसार गत समय से पंजाब व हरियाणा के दो विभिन्न क्षेत्रों से इस तरह की शिकायतें आ रही थी कि बेहतर ईलाज करवाने के लिए उन्होंने अपने परिवारिक सदस्यों को महंगे निजी अस्पताल में भर्ती तो करवा लिया,
किन्तु निजी अस्पताल ने ना तो सही ढंग से ईलाज किया और ना ही उनके परिवारिक सदस्यों को ठीक किया अथवा डॉक्टर की गलती से उनके परिवारिक सदस्य के किसी शारीरिक अंग का नुक्सान उठाना पड़ा। यह शिकायत ज्यादातर निजी अस्पतालों के खिलाफ ही आती थी, किन्तु पंजाब व हरियाणा सरकार ने निजी व सरकारी अस्पतालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का फैसला कर लिया है।
कार्रवाई का भी प्रावधान
मेडिकल बोर्ड को मिली शिकायत के बाद यदि जांच दौरान डॉक्टर दोषी पाया जाता है तो मेडिकल बोर्ड उस निजी अथवा सरकारी डॉक्टर के खिलाफ संबंधित थाना में अथवा एसएसपी को मामला दर्ज करने की सिफारिश करेगा। यदि किसी व्यक्ति की मौत होती है तो धारा 304 ए के तहत डॉक्टर को सजा तक हो सकती है।
कमेटी के सदस्य
गत दिवस हरियाणा व पंजाब सरकार ने नोटीफिकेशन जारी करके अपने अपने राज्य में एक पांच सदस्य जिला मेडिकल बोर्ड का गठन करेंगे, जिसका नेतृत्व सिविल सर्जन खुद करेंगे, जबकि जिले के मेडिकल कालेज के प्रिंसिपल अथवा मुख्य अस्पताल के मेडिकल सुपरिटेनडेंट को सदस्य बनाया जाएगा। इसके साथ ही निजी अस्पताल की संस्था आईएमए का एक सदस्य भी इस कमेटी में शामिल होगा।
Hindi News से जुडे अन्य अपडेट हासिल करने के लिए हमें Facebook और Twitter पर फॉलो करें।