नयी दिल्ली। रेलवे कर्मचारियों के शीर्ष संगठन अखिल भारतीय रेलकर्मी महासंघ (एआईआरएफ) ने कहा है कि सरकार 20 अक्टूबर तक बोनस का आदेश जारी करे अन्यथा 22 अक्टूबर से संगठन अपनी कार्रवाई शुरू कर देगा। एआईआरएफ के महासचिव शिव गोपाल मिश्रा ने बताया कि महासंघ की स्थायी समिति की वर्चुअल बैठक कल हुई थी। संगठन के अध्यक्ष डॉ. एन. कन्निया की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में कहा गया कि कार्य-उत्पादकता से जुड़े बोनस की घोषणा हर साल नवरात्रि से पहले हो जाती थी। इस साल ऐसा नहीं होने से रेलवे कर्मचारियों में काफी रोष है। मिश्रा ने कहा कि कोविड-19 महामारी के दौरान रेलवे कर्मचारियों ने निडर होकर दिन-रात काम किया। इसके बावजूद सरकार उनकी जायज माँग की अनदेखी कर रही है। रेलवे बोर्ड ने बोनस संबंधी फाइल वित्त मंत्रालय के पास भेजी है, लेकिन वित्त मंत्रालय उसे मंजूरी नहीं दे रहा है।
उन्होंने कहा कि यदि बोनस का आदेश 20 अक्टूबर तक जारी नहीं किया जाता तो 22 अक्टूबर से संगठन अपने स्तर पर कार्रवाई शुरू कर देगा। बैठक में सरकार की “श्रमिक विरोधी नीतियों” पर भी रोष व्यक्त किया गया। रेलवे में निजीकरण, आउटसोर्सिंग और निगमीकरण, पुरानी पेंशन योजना की बहाली और रोका गया महँगाई भत्ता जारी कराने पर भी चर्चा हुई। मिश्रा ने कहा कि श्रमिकों को उनके गृह राज्यों में पहुँचाने और चिकित्सा आपूर्ति सुनिश्चित करने में रेलवे कर्मचारियों ने पूरे समर्पण भाव से सहयोग किया, लेकिन सरकार कोविड-19 की स्थिति का लाभ उठाते हुये ट्रेन परिचालन के निजीकरण और महँगाई भत्ता रोकने की दिशा में तेजी से बढ़ती रही। उन्होंने कहा कि रेलवे की बदहाली के लिए कर्मचारी जिम्मेदारी नहीं हैं और इसलिए उनका महँगाई भत्ता नियमानुसार बढ़ाया जाना चाहिये।
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