लखनऊ। बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की अध्यक्ष मायावती ने तीन कृषि कानून वापस लेने के केन्द्र सरकार के फैसले को देर से उठाया गया कदम बताते हुये सरकार से अब किसानों की उपज का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) सुनिश्चित करने का कानून बनाये और आंदोलन में शामिल हुये किसानों के खिलाफ दर्ज किये गये मुकदमे वापस लेने की मांग की है।
1. देश में तीव्र आन्दोलन के बाद तीन विवादित कृषि कानूनों की वापसी की केन्द्र सरकार की घोषणा का देर आए दुरुस्त आए यह कहकर स्वागत किया गया, किन्तु इसे चुनावी स्वार्थ व मजबूरी का फैसला बताकर भाजपा सरकार की नीयत पर भी शक किया जा रहा है। अतः इस बारे में कुछ और ठोस फैसले जरूरी।
— Mayawati (@Mayawati) November 20, 2021
पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने शनिवार को ट्वीट कर कहा, ‘देश में तीव्र आन्दोलन के बाद तीन विवादित कृषि कानूनों की वापसी की केन्द्र सरकार की घोषणा का देर आए दुरुस्त आए यह कहकर स्वागत किया गया। किन्तु, इसे चुनावी स्वार्थ व मजबूरी का फैसला बताकर भाजपा सरकार की नीयत पर भी शक किया जा रहा है। अत: इस बारे में कुछ और ठोस फैसले करना जरूरी है।
2. इसके लिए किसानों की उपज का न्यूनतम समर्थन मूल्य सुनिश्चित करने के लिए नया कानून बनाना तथा देश की आन, बान व शान से जुड़े अति गम्भीर मामलों को छोड़कर आन्दोलित किसानों पर दर्ज बाकी सभी मुकदमों की वापसी आदि करना भी केन्द्र सुनिश्चित करे तो यह उचित होगा।
— Mayawati (@Mayawati) November 20, 2021
3. वैसे पूर्व में देश ने खासकर कांग्रेस पार्टी की श्रीमती इन्दिरा गांधी की रही सरकार के अहंकार एवं तानाशाही वाले रवैये आदि को काफी झेला है, किन्तु अब पूर्व की तरह वैसी स्थिति देश में दोबारा उत्पन्न नहीं हो, ऐसी देश को आशा है।
— Mayawati (@Mayawati) November 20, 2021
मायावती ने दिया सुझाव
उन्होंने सरकार को सुझाव दिया कि इसके लिए किसानों की उपज का न्यूनतम समर्थन मूल्य सुनिश्चित करने के लिए नया कानून बनाना तथा देश की आन, बान और शान से जुड़े अति गम्भीर मामलों को छोड़कर आन्दोलित किसानों पर दर्ज बाकी सभी मुकदमों की वापसी आदि करना भी केन्द्र सुनिश्चित करे तो यह उचित होगा। बसपा प्रमुख ने देश को तानाशाही वाले दौर में वापस लौटने की स्थिति से बचाने के लिये उम्मीद जताते हुये कहा, ‘वैसे पूर्व में देश ने खासकर कांग्रेस पार्टी की श्रीमती इन्दिरा गांधी की रही सरकार के अहंकार एवं तानाशाही वाले रवैये आदि को काफी झेला है, किन्तु अब पूर्व की तरह वैसी स्थिति देश में दोबारा उत्पन्न नहीं हो, ऐसी देश को आशा है।
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