प्रधानमंत्री का संकल्प “गुलामी के हर अंश से मुक्ति” के लिए आजादी के अमृतकाल में गुलामी का प्रतिक “लीज होल्ड भूमि कानून” को आज बदलने की आवश्यकता:नीरज सिंघल | Ghaziabad News
- वन ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था के लिए लीज होल्ड औद्योगिक भूमि को फ्री होल्ड में सशर्त बदलाव होना चाहिए: हर्ष
गाजियाबाद (सच कहूं/रविंद्र सिंह)। Ghaziabad News: आईआईए के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीरज सिंघल के नेतृत्व में आईआईए गाजियाबाद चैप्टर के जरिए प्रेस वार्ता आयोजित की गई। जिसमें गाजियाबाद चैप्टर के चेयरमैन संजय अग्रवाल, सचिव हर्ष अग्रवाल, कोषाध्यक्ष संजय गर्ग, सीईसी सदस्य एस.के. शर्मा व एमएसएमई पॉलिसी एवं स्कीम समिति चेयरमैन, प्रदीप कुमार गुप्ता और डिवीजनल चेयरमैन राकेश अनेजा मौजूद रहे। आई आई ए पदाधिकारियों ने पत्रकार वार्ता में बताया कि इंडियन इंडस्ट्रीज एसोसिएशन (आईआईए), उत्तर प्रदेश का प्रमुख औद्योगिक संगठन, लंबे समय से प्रदेश में लीज होल्ड औद्योगिक भूमि को फ्री होल्ड में बदलने की मांग करता आ रहा है। 30 नवम्बर – 2023 को भी आईआईए द्वारा लखनऊ में आयोजित एमएसएमआई उद्यमी महासम्मेलन में प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सामने भी इस मुद्दे को प्राथमिकता से रखकर अपील की गई है। Ghaziabad News
लीज होल्ड औद्योगिक भूमि को फ्री होल्ड में बदलने की मांग का मुख्य कारण यह है कि यूपीसीडा या उद्योग निदेशालय द्वारा दी गई लीज होल्ड भूमि पर कई महत्वपूर्ण कार्यों के लिए उद्यमियों को अनुमतियाँ प्राप्त करने में इन विभागों के चक्कर लगाने पड़ते हैं जिसमें निम्नलिखित शामिल है।
यदि उद्यमी को अपने उद्योग में कोई नया उत्पाद बनाना है | Ghaziabad News
- बैंक लिमिट में बदलाव करना है या बैंक बदलना है।
- अपने उद्योग को Blood Relation में हस्तांतरित करना हो।
- उद्योग की भूमि एवं भवन किराये पर देने हों,अथवा भूमि का अमल्गमेशन या सेपरेशन करना हो।
ऐसी अनुमतियाँ प्राप्त करने के लिए उद्यमियों को भ्रष्टाचार का भी शिकार बनना पड़ता है। इसके अतिरिक्त इन अनुमतियों को जारी करने की प्रक्रिया में यूपीसीडा अथवा उद्योग निदेशालय के कर्मचारियों एवं अधिकारियों का भी बहुमूल्य समय नष्ट होता है।
अंग्रेजो के बनाए लीज होल्ड कानून को खत्म किया जाए:आईआईए
आई आई ए ने कहा कि लीज होल्ड भूमि का कानून ब्रिटिश शासन के दौरान लागू हुआ था, जब देशवासियों को गुलाम बनाया गया था। वर्तमान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने ‘अमृतकाल’ में इस गुलामी के अंशों से मुक्ति पाने का संकल्प लिया है। अतः आज इस कानून को बदलने की आवश्यकता है। Ghaziabad News
लीज होल्ड औद्योगिक भूमि को फ्री होल्ड में बदलने से उत्तर प्रदेश को कई लाभ होंगे:
प्रशासनिक परेशानियाँ कम होने से उद्यमियों के समय की बचत होगी, जिससे प्रदेश में औद्योगिक विकास तीव्र होगा।
प्रदेश के सकल घरेलू उत्पाद और राजस्व में वृद्धि होगी, जिससे सरकार का 1 ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था का लक्ष्य भी शीघ्र पूरा होगा।
फ्री होल्ड भूमि पर नए औद्योगिक निवेश के अवसर पैदा होंगे, जो सरकार की भी प्राथमिकता है।
नए रोजगार सृजित होंगे, जिससे स्थानीय लोगों को रोजगार ढूँढने बाहर नहीं जाना पड़ेगा।
लीज होल्ड भूमि को फ्री होल्ड करने पर जो राजस्व सरकार को मिलेगी, उससे सरकार नये औद्योगिक क्षेत्र सृजित कर सकेगी।
युपीसीडा एवं उद्योग निदेशालय में कर्मचारी एवं अधिकारी अपना समय औद्योगिक विकास की अन्य गतिविधियों में लगा सकेंगे जिससे औद्योगीकरण बढेगा।
उत्तर प्रदेश की रैंकिंग “Ease of Doing Business” के साथ-साथ इजी ऑफ डूइंग बिजनेस मेनुफेक्चर में भी बढेगा जिससे टीस ऑफ डूइंग बिजनेस” खत्म होगा।
उन्होंने बताया कि औद्योगिक भूमि जब लीज होल्ड पर सरकार द्वारा उद्यमी को दी जाती है, तो उस समय का पूरा लैंड एक्युजिशन कोस्ट डिवेलपमेंट चार्ज एंड प्रीमियम उद्यमी से लिया जाता है। जब सभी कोस्ट उद्यमी द्वारा दी जा चुकी है और सरकार की मंशा के अनुसार उद्योग स्थापित कर चलाया रहा है, तो उन्हें किरायेदारी से मालिकाना हक क्यों नहीं मिलाना चाहिए? क्या हम आजादी के पूर्व चल रही जमीन्दारी प्रथा की तरह सरकारी जमीन्दारी प्रथा की तरफ नहीं बढ़ रहे है? जमीन्दारी प्रथा एवं लीज होल्ड में समानता पर तैयार की गयी रिपोर्ट आपके सुलभ सन्दर्भ हेतु संलग्न है।
देश के विभिन्न राज्यों जैसे हरियाणा, दिल्ली, पश्चिम-बंगाल, छत्तीसगढ़, कर्नाटक और तमिलनाडु ने लीज होल्ड भूमि को फ्री होल्ड में बदलने की पालिसी लागू है। बता दें कि उत्तर प्रदेश में औद्योगिक विकास विभाग द्वारा विभिन्न कम्पनियों हेतु अधिग्रहित की गयी भूमि को फ्री होल्ड किये जाने सम्बन्धी नीति वर्ष 2016 में जारी कर दी गयी है जो एक हेक्टेयर अथवा उससे अधिक क्षेत्रफल में कार्यरत इकाइयों के लिए लागू है, जिससे सूक्ष्म और लघु उद्योग इस सुविधा से वंचित हैं।
आईआईए के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीरज सिंघल ने 30 नवंबर 2023 को लखनऊ में आयोजित उद्यमी महासम्मेलन में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री से अपील की है कि प्रदेश की लीज होल्ड भूमि को फ्री होल्ड में बदला जाए। नीरज सिंघल ने यह भी सुझाव दिया कि लीज होल्ड भूमि को सशर्त फ्रीहोल्ड में बदला जाए जिसमें भूमि का उपयोग औद्योगिक ही रहे। किसी भी स्थिति में नहीं बदला जा सके। इससे औद्योगिक क्षेत्र का स्वरूप यथावत रहेगा और नए उद्योग स्थापित करने की संभावना बढ़ेगी, जिससे सरकार का राजस्व भी बढ़ेगा और रोजगार के नए अवसर भी सृजित होंगे।
आईआईए ने वर्ष 2023 से अब तक इस मुहिम में कई महत्वपूर्ण कदम उठाएं हैं, जिसमें प्रदेश के सभी सांसदों, विधायकों, जनप्रतिनिधियों, जिलाधिकारियों, उत्तर प्रदेश शासन के वरिष्ठ अधिकारियों सहित विभिन्न प्रशासनिक अधिकारियों से मिलकर ज्ञापन दिया गया है एवं प्रेस वार्ता भी हुई है। Ghaziabad News
ए 20 संयुक्त फॉर्म के माध्यम से देश के विभिन्न राज्यों की प्रमुख औद्योगिक संगठनों के साथ भी इस पर विचार विमर्श कर एक आवाज के साथ इस मुद्दे को पुरे देश में उठाया जा रहा है। इस मुहिम के अंतर्गत आईआईए के विभिन्न चैप्टर द्वारा औद्योगिक क्षेत्रों, सरकारी कार्यालयों एवं प्रमुख स्थानों पर 110 से अधिक जगहों पर होर्डिंग्स डिस्प्ले की गयी है और लोकल इंडस्ट्री एसोसिएशन को साथ लेकर अन्य चैप्टर भी होर्डिंग डिस्प्ले करने की तैयारी में हैं।
प्रेस वार्ता में आईआईए के यह मुख्य पदाधिकारी रहे मौजूद | Ghaziabad News
यश जुनेजा, अमित बंसल, अजय पटेल, दिनेश गर्ग, कुलदीप अत्री, संजीव कपूर आदि मौजूद रहे।
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