स्कूल सीसीटीवी कैमरे, प्रॉजैक्टर, कम्प्यूटर और आईलैट्स शिक्षा जैसी उच्च स्तरीय शिक्षा सुविधाओं से लैस
- विद्यार्थियों को दी जा रही हर स्तर की शिक्षा
- स्कूल में पढ़ रहे तकरीबन 150 बच्चे और 13 के करीब अध्यापक पूरी मेहनत से करवा रहे बच्चों को पढ़ाई
संगरूर। (सच कहूँ/गुरप्रीत सिंह/नरेश कुमार) शिक्षा हमारा अधिकार है, इस अधिकार को हासिल करने के लिए पंजाब में बड़ी संख्या में सरकारी सकूल बनाए गए हैं लेकिन अक्सर ही सरकारी स्कूलों में शिक्षा प्रबंधों का जो हाल है, उसे अक्सर ही खबरों या टीवी रिर्पोटों में देखा जा सकता है, लेकिन जिला संगरूर के गांव खुर्द के सरकारी स्कूल का हाल ऐसा नहीं, बल्कि यह सरकारी स्कूल तो महंगी फीसें हासिल करने वाले प्राईवेट स्कूलों को भी मात दे रहा है। इस स्कूल में पढ़ने वाले बच्चे यह कह रहे हैं कि हमें अपने स्कूल पर गर्व है और गर्व हो भी क्यों न, यह स्कूल अपने विद्यार्थियों को हर क्षेत्र का महत्वपूर्ण ज्ञान बांट रहा है, वह चाहे खेलों के क्षेत्र में हो, ज्ञान-विज्ञान के क्षेत्र में हो या आधुनिक कम्प्यूटर युग की परीक्षा हो, सब कुछ बच्चों को इस स्कूल में छोटी आयु में ही मिल रहा है।
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कुछ समय पहले इस स्कूल के नाम के साथ स्मार्ट जुड़ने के बाद गांव खुर्द का इस सरकारी स्कूल दा नाम सरकारी हाई स्मार्ट स्कूल खुर्द हो गया है। तकरीबन 150 की संख्या में विद्यार्थियों को पढ़ाने के लिए 13 के करीब का मेहनती स्टाफ पूरी ईमानदारी से बच्चों को हर क्षेत्र से जुड़ी जानकारी मुहैया करवा रहा है। ‘सच कहूँ’ की टीम ने स्कूल में उपलब्ध सुविधाओं को जानने के लिए जब स्कूल का दौरा किया तो वहां देखकर हैरानी हुई लगभग 3 कमरों में विद्यार्थियों को प्रॉजैक्ट से पढ़ाई करवाई जा रही थी और विद्यार्थी अपने ज्ञान में विस्तार कर रहे थे। स्कूल के बाकी कमरों में बड़ी-बड़ी एलईडी से बच्चों को पढ़ाई करवाई जा रही थी। समूह स्कूल की एक-एक गतिविधी पर नजर रखने के लिए प्रिंसीपल सज्जाद अली मोर्या द्वारा सीसीटीवी कैमरे लगवाए गए हैं और लड़के और लड़कियों का एक साथ इस स्कूल में अनुशासन देखते ही बनता है। इस सरकारी स्कूल में बच्चों को कानों पर हैड फोन लगाकर कुछ सुनते देखा तो प्रिंसीपल ने बताया कि इस विशेष कमरे में बच्चों को अंग्रेजी विषय की जानकारी दी जा रही है, अंतर राष्ट्रीय स्तर की शिक्षा का साथी बनाने के लिए सरकारी स्कूल के इन विद्यार्थियों को अंग्रेजी बोलने में महारत रखने के लिए इसका अभ्यास करवाया जा रहा है।
स्कूल में विद्यार्थियों को प्रैक्टिकल ज्ञान देने के लिए एक पार्क भी बनाया गया है, जिसमें विशेष तौर पर बड़ी ग्लोब बनाई गई है, जिससे बच्चों को अपने देश से लेकर दूसरे देशों की जानकारी मिलती रहे, इसके अलावा धरती के एक तरफ सूरज और चांद की दिशा बनाकर उनको दिन और रात होने की प्रक्रिया के बारे में बताने का बाखूबी प्रयास किया गया है। इस पार्क में एक ऐसा लैंस लगाया गया है, जो नीचे खड़े होकर स्कूल के हर कोने की तस्वीर दिखाता है, इस लैंस का इस्तेमाल नेवी में समुन्द्र के हर कोने को देखने के लिए किया जाता है।
स्कूल में बनाए गए हैं विभिन्न खेलों के विशाल खेल ग्राऊंड
स्कूल में कम्प्यूटर लैब के अलावा सांईस लैब भी बनाई गई हैं । इसके अलावा स्कूल में एक ओपन एयर थिएटर भी बनाया गया है, जिसमें बच्चे अपनी प्रतिभा को निखार रहे हैं। एजुसैट द्वारा बच्चों को हर रोज नए विषयों का ज्ञान दिया जा रहा है, अब बात अगर खेलों की की जाए तो स्कूल में बहुत बड़ा स्टेडियम है जो कि जिले में किसी और स्कूल के पास नहीं है। अक्सर ही जिला स्तरीय खेल यहां होते रहते हैं। ग्राऊंड में फुटबाल, हॉकी, क्रिकेट, वॉलीबाल, बैडमिंटन, खोखो, कबड्डी आदि के विशेष ग्राऊंड बनाए गए हैं, जहां विद्यार्थी अपने हुनर का प्रदर्शन करते हैं।
जब इस संबंधी स्कूल प्रिंसीपल सज्जाद अली मोर्या से बात की तो उन्होंने कहा कि उनका सपना है कि यह स्कूल ऐसा स्कूल बन जाए कि जिले में हर विद्यार्थी यह सोचे कि इसी स्कूल में पढ़ना है। उन्होंने कहा कि इस स्कूल की इमारत को विशाल बनाने में गांव के बुजुर्ग महादानी बाबू सिंह का सराहनीय योगदान है, जिन्होंने अपनी जमीन का बड़ा हिस्सा स्कूल को दान दिया है, जिस कारण आज विद्यार्थी यहां शिक्षा हासिल कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि स्कूल में सभी पद भरे हुए हैं, सिर्फ माली की पोस्ट खाली है। उन्होंने कहा कि हम समूह स्टाफ बच्चों को हर तरह की शिक्षा देने के लिए हमेशा प्रयासरत हैं। प्रिंसीपल मोर्या को जिला स्तर पर डिप्टी कमिशनर, जिला शिक्षा अधिकारी और गांव के क्लबों द्वारा कई बार अच्छी स्कूल प्रबंधों के लिए सम्मानित भी किया जा चुका है।
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