किसान आत्महत्या का मसला रातोंरात नहीं सुलझाया जा सकता
नई दिल्ली: देशभर में किसानों की खुदकुशी को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने चिंता जाहिर की। कोर्ट ने कहा कि सिर्फ मुआवजा देना परेशानी का हल नहीं है। सरकार को लोन के असर को कम करने की जरूरत है।
हालांकि, कोर्ट ने यह भी कहा कि सुप्रीम कोर्ट सरकार के खिलाफ नहीं है, किसान आत्महत्या का मसला रातोंरात नहीं सुलझाया जा सकता। बेंच ने कहा कि किसान कल्याण की योजनाओं के नतीजे सामने आने के लिए एक साल का वक्त दिया जाए।
सरकार को पूरी ताकत किसानों के लिए तैयार योजनाओं को कागजों से निकालकर अमल करने में लगानी होगी, क्योंकि किसानों की खुदकुशी के मामले बढ़ते जा रहे हैं। कोर्ट ने साफ किया है कि इस मामले की सुनवाई बंद नहीं की जाएगी।
सरकार को 6 महीने में जमीनी स्तर पर योजना को लागू करने पर जानकारी देनी होगी। अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने किसानों के लिए चल रही योजनाओं की जानकारी दी।
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