किसी भी दिन हो सकता है यहां बड़ा हादसा
- वाटर हार्वेस्टिंग के लिए खोदा गया गड्ढा खुला ही छोड़ा
- 14 बाई 14 फुट के गड्ढे के पास खेलते रहते हैं बच्चे
गुरुग्राम(संजय कुमार मेहरा)। किसी न किसी रूप में रोज हो रहे हादसों से हमें सीख लेने की जरूरत होती है, लेकिन ऐसा हम करते नहीं। हमारी ही लापरवाहियों के कारण फिर से हादसे होते हैं। ऐसे ही हादसे को न्यौता दिया जा रहा है नगर निगम गुरुग्राम क्षेत्र में गांव बसई के राजकीय मॉडल संस्कृति प्राथमिक विद्यालय (स्कूल कोड-12125) में। गांव के इस विद्यालय में करीब एक महीने पहले इस स्कूल में बरसाती पानी के संचयन के लिए वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम बनाने का काम शुरू किया गया था। इसके लिए 12 बाई 12 फुट का गड्ढा खोदा गया।
किसी भी दिन हो सकता है यहां बड़ा हादसा
वाटर हार्वेस्टिंग के लिए गड्ढा 14 फुट गहरा खोदा जाना था, लेकिन साढ़े 4 फुट की गहराई पर ही चौवा (पानी) निकल आया। इसके बाद इस पर कोई काम नहीं किया गया। गड्ढे से निकाली गई मिट्टी भी वहीं पर पड़ी है। इसके चारों तरफ रस्सियां बांधकर फैंसिंग की गई है, लेकिन सुरक्षा के लिहाज से ये रस्सियां नाकाफी हैं। अगर खेल-खेल में भागते हुए बच्चे इस गड्ढे की तरफ आते हैं तो ये रस्सियां उन्हें गड्ढे में गिरने से नहीं बचा सकती। यानी बच्चे लाजिमी इस गहरे गड्ढे में गिरेंगे ही गिरेंगे।
वाटर हार्वेस्टिंग के लिए खोदा गया गड्ढा खुला ही छोड़ा
अब सवाल उठता है कि गड्ढा खोदे हुए एक महीना बीत गया है तो इसमें आगे की कार्यवाही क्यों नहीं की गई है। इसमें वापस मिट्टी नहीं भरी गई। सबसे बड़ी जिम्मेदारी स्कूल प्रशासन की भी बनती है कि वह इस गड्ढे को भरवाने या फिर इसकी उचित फैंसिंग कराने की दिशा में कदम उठाए।
हादसा हुआ तो स्कूल भी होगा जिम्मेदार
गांव की समस्याओं को लेकर सदैव सक्रिय रहने वाले बसई निवासी राजेश शर्मा का कहना है कि स्कूल के बीच में इतना बड़ा और गहरा गड्ढा इस तरह से खुला छोड़ देना बड़ी लापरवाही है। इसे तुरंत बंद करना चाहिए या फिर जिस काम के लिए यह गड्ढा खोदा गया है, वह पूरा करना चाहिए। अगर कोई हादसा होता है तो स्कूल की प्रिंसिपल और गड्ढा खोदने वाले जिम्मेदार होंगे। इस गड्ढे को लेकर प्रिंसिपल को शिकायत की जा चुकी है, लेकिन कुछ भी नहीं हुआ है।
14 फुट गहरा गड्ढा खोदने की गाइडलाइन थी। पानी साढ़े 4 फुट पर ही निकल आया। यानी यहां चौवा निकल आया। हमने इस गड्ढे को बंद करने ेक लिए विभाग में लिखकर दे दिया है। वहां से अभी तक कोई चेक करने नहीं आया है।
-मीनू भटेजा, मुख्याध्यापिका
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