नई दिल्ली सच कहूँ न्यूज। भारत की अर्थव्यवस्था धीरे-धीरे पटरी पर लौट रही है और अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष के अनुसार साल 2021-22 में विकास दर 11% से अधिक होने की संभावना है लेकिन पर्यवेक्षों ने चेतावनी दी है कि बजट में सरकार ने भारी मात्रा में स्पेंडिंग नहीं की तो अर्थव्यवस्था को वापस लाने में दिक्कत होगी। वहीं केन्द्रीय वित्त मंत्री सीतारमण एक फरवरी को पीएम मोदी की अगुवाई वाली एनडीए सरकार का 8वां बजट पेश करेंगी। मीडिया रिपोर्ट की मानें तो मेक इन इंडिया पहल को बढ़ावा देने के लिए केन्द्र विभिन्न कंपोनेंट्स के कुछ हिस्सों पर सीमा शुल्क बढ़ाने पर सोच रही है। विभिन्न प्रस्तावों पर चर्चा और विचार-विमर्श अभी भी जारी है, लेकिन अभी तक कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है।
रिकॉर्ड बेरोजगारी की समस्या का हल निकालना सबसे बड़ी चुनौती
आर्थिक विशेषज्ञों के अनुसार इस बजट में सरकार की सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक रोजगार के नए अवसर पैदा करना है। साल 2012 में देश में बेरोजगारी दर 2 प्रतिशत थी आज यह 9.1 प्रतिशत है। बेशक यह समस्या दुनिया भर में है लेकिन कई देशों ने बेरोजगारी से निपटने के लिए उचित कदम उठाए है। रिकॉर्ड बेरोजगारी की समस्या का हल निकालना वित्त मंत्री का सबसे बड़ा सिरदर्द है।
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