दलालों की वजह से बढ़ा भ्रष्टाचार
- कार्यालय से बाहर ही कर लेते हैं सेटिंग
- कई राजनेताओं पर लग रहे आरोप
- ट्रांसफर करवाने के लिए होता है सौदा
चंडीगढ़ (अश्वनी चावला)। सरकारी अधिकारियों के लिए सैंटिंग करने वाले दलालों का अब का अब खैर नहीं है, क्योंकि अब उनकी दाल न गलने देने की तैयारी अमरिन्दर सिंह की सरकार ने कर ली है। दलालों को जेल की सैर करवाने व सख़्त सजा देने के लिए बाकायदा कानून बनाया जा रहा है, जिसके द्वारा न सिर्फ दलाल बल्कि अधिकारी भी कुछ समय जेल की हवा खाएंगे। दलालों का काम इतना अधिक बढ़ चुका है कि अब सरकारी कर्मचारियों को भी अपनी ट्रांसफर करवाने के लिए लाखों में सौदा करना पड़ रहा है।
इस संबंधी नये कानून की योजना लगभग बन कर तैयार हो गई है, जिसको अब मुख्य मंत्री अमरिन्दर सिंह की हरी झंडी मिलनी ही शेष रह गई है। जानकारी अनुसार पंजाब के सरकारी कार्यालयों में लगातार बढ़ रहे भ्रष्टाचार से परेशान होकर अमरिन्दर सिंह ने भ्रष्टाचार की जड़ ‘दलालों’ को ही खत्म करने की तैयारी करनी शुरू कर दी गई है, क्योंकि बीते कुछ वर्षाें से अब अधिकारी या फिर राजनैतिक नेता भी खुद सीधे किसी भी तरह सौदा करने की जगह पर दलालों के द्वारा ही काम चलाने में लगे हुए हैं। जिससे सीधे तौर पर उन पर आरोप भी नहीं लगते व विजीलैंस या फिर सीबीआई की तरफ से छापामारी करने के बाद गिरफ़्तारी का डर भी नहीं रहता है।
मुख्य मंत्री कार्यालय के अधिकारी यह मानते हैं कि भ्रष्टाचार खत्म नहीं हुआ है परंतु भ्रष्टाचार बढ़ाने के तरीके में काफी अधिक बदलाव आ गया है, जिस पर नकेल कसने के लिए अब दलालों तक सीधा हाथ डालने की तैयारी की जा रही है।इस समय देश में कोई ऐसा कानून नहीं जिसके द्वारा किसी दलाल को सेटिंग करवाने के लिए कोई सख़्त सजा दी जा सके। इस लिए खुद पंजाब सरकार ही इस कानून को बनाने की तैयारी में जुट्ट गई है। अधिकारियों के साथ ही कुछ राजनैतिक नेताआें पर भी आरोप लगते आए हैं।
कि उनकी तरफ से दलालों की मदद से कई बड़े घरानों के काम करवाने के साथ ही सरकारी कर्मचारियों की ट्रांसफर करवाने के भी लाखों रुपए लिए जा रहे हैं। इस कानून लागू होने के बाद दलाल को 6 माह से लेकर 5 वर्ष तक की सजा व जुर्माना भी हो सकता है, इससे अधिक सख़्त सजा देने के लिए भी विचार की जा रही है। मुख्य मंत्री कार्यालय के एक सीनियर अधिकारी की तरफ से इस की पुष्टि कर दी गई है व जल्द ही इस कानून को मुख्य मंत्री अमरिन्दर सिंह को दिखाया जाएगा, जिससे इसे लागू करवाने के लिए बिल तैयार करते हुए विधान सभा भेजने की तैयारी की जाये।